मनुष्य की सबसे बुरी आदत काम को टालना | Man's Worst Habit is to Avoid Work |

मनुष्य की सबसे बुरी आदत काम को टालना | Man's Worst Habit is to Avoid Work |

मनुष्य में एक बुरी आदत है काम को टाल देने की। अपनी इसी आदत के कारण हम कभी-कभी अपने बनते हुए कामों को बिगाड़ बैठते हैं, जिससे हमारी बड़ी भारी हानि हो जाती है और कभी-कभी तो अपनी मंजिल पर पहुँचते-पहुँचते रह जाते हैं।

जो काम हमें आज करने हैं, वह कल भी उतने ही महत्व के रहेंगे, यह नहीं कहा जा सकता। परिस्थितियाँ क्षण-क्षण पर बदलती रहती हैं और उनके अनुसार पिछड़े हुए कार्यों का कोई महत्व नहीं रह जाता।

संभव है आज किसी कार्य के सम्मुख आते ही हम उसे ताजा जोश में कर डालें, परन्तु कल पर टालते ही उस कार्य के प्रति दिलचस्पी भी कम हो सकती है और इस प्रकार वह कार्य सदा के लिए ही टल सकता है।

जिस व्यक्ति में टालमटोल का यह रोग लग जाता है वह अपने जीवन में अनेक काम नहीं कर पाता। बल्कि उसके सब काम अधूरे पड़े रह जाते हैं। टालने की आदत वाला मनुष्य परिस्थितियों का शिकार भी हो सकता है। स्वास्थ्य का खराब होना, मस्तिष्क की निर्बलता, आर्थिक या दूसरे प्रकार की चिन्ता आदि कारण भी कार्य को टालना पड़ता है।

कार्य की अधिकता से भी कार्य शेष रह जाता है और वह दूसरे दिन को टालना पड़ता है। वह टाला हुआ कार्य यदि दूसरे दिन भी टल गया तो फिर दृष्टि से ओझल हो जाने के कारण सदा टलता जाता है।

यदि आप अपने कार्य को सुव्यवस्थित ढंग से और उत्साहपूर्वक करते रहें तो कार्य का भार अधिक प्रतीत नहीं होगा उसमें आपकी दिलचस्पी बनी रहेगी और उसके न होने से होने वाली हानि भी कम ही होगी।

आपको अपनी कार्यक्षमता बढ़ानी चाहिए। अपने मन के उत्साह को जगाकर दृढ़ता से कार्य में जुट जाइये और पूरी शक्ति लगा कर टाले हुए कार्य को शीघ्र ही समाप्त कीजिये।

कठिन काम से निराश मत होइये। बड़े से बड़े काम भी मन लगा कर करने से शीघ्र संपन्न हो जाते हैं। आपके जो कार्य शेष पड़े हुए हैं, उनकी एक सूची तैयार कीजिये, उनमें से अत्यन्त आवश्यक कार्यों को प्राथमिकता दीजिये, कम आवश्यक कार्यों को पीछे करने के लिए रखिये। इस प्रकार बनाई गई सूची से आपको बड़ी सहायता मिलेगी।

अधिक कठिन कार्यों के सरल तरीके ढूंढ़िये और सरल तरीका न मिलने पर पूर्ववत् ढंग से उसमें लग जाइए। खाली बैठने से कुछ काम करना अच्छा है। अतः केवल विचार में ही समय नष्ट मत कीजिये।

किये हुए कामों पर गर्व अनुभव करिये। जो काम शेष हैं, उन्हें करने में पीछे न रहिए। यदि आप कार्यों के पीछे हाथ धोकर पड़ेंगे तो कोई कारण नहीं कि वे आपके काबू में न आ सकें।

हाथ धीमा मत रखिये। तेजी से किये जाने वाले काम शीघ्र पूरे होते हैं। यदि अपने कार्यों के लिए सहायक रखें तो वह भी फुर्तीला होना चाहिए, सुस्त सहायक आपके उत्साह को भी नष्ट कर डालेगा।

काम को बेगार समझ कर मत कीजिये। काम करते समय झुँझलाइये मत। अपने मन को कार्यों की जटिलता सुलझाने में लगाइये। इससे आपकी निर्णय शक्ति बढ़ेगी और आप जिस कार्य को करेंगे, वह बिना बाधा के ही सम्पन्न हो जायगा।