हम स्वयं ही अपना उद्धार कर सकते हैं। We can uplift ourselves by self only |


हम स्वयं ही अपना उद्धार कर सकते हैं। We can uplift ourselves by self only |

हम स्वयं ही अपना उद्धार कर सकते हैं। हम स्वयं ही अपना उद्धार कर सकते हैं। अन्य कोई नहीं। इसे हृदय में पक्की तरह अंकित कर लें। अकेले ही आगे बढ़ने के लिए पथ संधान करने के लिए आपको अपनी आत्मा पर विश्वास करना होगा उसे ही अपना सर्वस्व समझना होगा। अपने आत्म स्वत्व को भुला देने वाला व्यक्ति अधिक दिन नहीं चल सकता, उसे संसार नष्ट कर डालता है। आत्म- शक्ति को समझने जानने उसे बढ़ाने के लिए उन सभी बुरे कर्मों से बचना होगा जो हमारे अन्तर्बाह्य जीवन को कलुषित करते हैं। इसके लिए सबसे बड़ी आवश्यकता है संयम की। संयमी ही स्वावलम्बी हो सकता है। 
प्रसिद्ध विद्वान इब्सन ने कहा है-”संसार में सबसे शक्तिशाली मनुष्य वही है जो अकेला (आत्म-निर्भर) है।” कमजोर वही हैं जो दूसरों का मुँह ताका करता है, दूसरों के ऊपर आशा लगाए बैठे रहते हैं। साथ ही परावलम्बी व्यक्तियों को, दूसरों के सहारे चलने वाले लोगों को अपने जीवन का बहुत अधिक समय नष्ट करना पड़ता है जबकि नेपोलियन के शब्दों में “जो अकेले चलते हैं वे तेजी से बढ़ते हैं।”