मानव शरीर की जैविक घड़ी क्या है। मानव शरीर में जैविक घड़ी का महत्व। Importance of biological clock in human body. Science Technology Video by Knowledge LifeTime. मनुष्य में जैविक घड़ी का मूल स्थान हमारा मस्तिष्क है। हमारे मस्तिष्क में करोड़ो कोशिकाएं होती है जिन्हे हम न्यूरॉन कहते हैं। ये कोशिकाएं पूरे शरीर की गतिविधियों को नियंत्रित एवं निर्धारित करती है। एक कोशिका से दूसरे कोशिका को सूचना का आदान-प्रदान विधुत स्पंद द्वारा दिया जाता है। हम रात को समय विशेष पर सोने जाते हैं तथा सुबह स्वतः जाग जाते हैं। आखिर हम कैसे जान जाते हैं कि सुबह हो चुकी है। कौन हमें जगा देता है। हम निद्रा में रहते हैं किंतु हमारा मस्तिष्क तब भी सक्रिय रहता है। इस वीडियो में आपको उत्तर मिलेगा कि जैविक घड़ी क्या है? मानव जैविक घड़ी कैसे काम करती है? मेरे शरीर की घड़ी क्या है? जैविक घड़ी किसे कहते हैं? जैविक घड़ी आपकी नींद को कैसे प्रभावित करती है? जैविक घड़ी क्यों महत्वपूर्ण है? किस हार्मोन को जैविक घड़ी कहा जाता है? पीनियल ग्रंथि को जैविक घड़ी क्यों कहा जाता है? जब हम सोते हैं तो हमारे शरीर का क्या होता है? नींद के लिए कौन सी ग्रंथि जिम्मेदार है?
Summary:
जैविक घड़ी प्रकृति का अनमोल उपहार है |
जैविक घड़ी अनेक रहस्यो को समेटे हुए है |
मनुष्य के शरीर की जैविक घडी के अनुसार वयक्ति की शरीर की गतिविधि २४ घंटे के अंतराल में बदलती रहती है |
मेलाटोनिन हार्मोन पीनियल ग्रंथि से निकलता है |
यह दिमाग के मध्य भाग में इस्थित है |
मेलाटोनिन नेत्र के रेटिना से भी निकलता है |
मेलाटोनिन में एक विशेष प्रकार की दिन-रात की लयबद्धता पायी जाती है|
मेलाटोनिन का प्रभाव निद्राकारक होने के साथ हिप्नोटिक भी होता है |
जैविक घडी हमारे दैनिक जीवन के किर्या कलापो को नियमितता प्रदान करती है |
रात्रि में कार्य करने वाले लोगो की भी नियमित जैविक घडी में वयवधान आ जाता है |
जैविक घडी के प्रभावित होने से अनिंद्रा, भौक की कमी, सिरदर्द और मानसिक तनाव होता है |
नकारात्मक विचारो से भी जैविक घडी प्रभावित होती है |
प्रकर्ति जीवन शैली ही जैविक घडी को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायक होतीं है |
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