हमें अच्छी और गहरी नींद क्यों नहीं आती है | Insomnia Causes |


हमें अच्छी और गहरी नींद क्यों नहीं आती है| गहरी नींद न आने के कारण क्या है? क्या आपने कभी विचार किया है नींद के बारे में? प्रकृति की कैसी महान देन है निद्रा, मनुष्य के लिए। शेक्सपीयर ने कहा है—”निद्रा प्रतिदिन के जीवन के लिए मृत्यु, कठिन परिश्रम के लिये स्नान, घायल मस्तिष्क के लिए शान्तिदायिनी औषधि और क्षतिपूर्ण शरीर के लिये अमृतकुण्ड है?” समय पर स्वस्थ नींद के लिए अपनी दिनचर्या का नियमित और व्यवस्थित होना आवश्यक है।

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SUMMARY:
क्या आपने कभी विचार किया है नींद के बारे में? प्रकृति की कैसी महान देन है निद्रा, मनुष्य के लिए।
शेक्सपीयर ने कहा है—”निद्रा प्रतिदिन के जीवन के लिए मृत्यु, कठिन परिश्रम के लिये स्नान, घायल मस्तिष्क के लिए शान्तिदायिनी औषधि और क्षतिपूर्ण शरीर के लिये अमृतकुण्ड है?”
यदि कुछ दिनों मनुष्य को लगातार जागना पड़े तो उसकी मृत्यु हो सकती है वह पागल हो सकता है। कितनी आवश्यक है नींद हमारे जीवन के लिए।
निद्रा प्रकृति देवी का निःशुल्क उपहार है, जिसके लिए हमें कुछ खर्चना नहीं पड़ता न कोई कष्ट उठाना पड़ता है न कुछ करना पड़ता है, लेकिन फिर भी हम में से बहुत से इसका लाभ नहीं उठा पाते।
नींद के लिए शास्त्रकार ने कुछ नैतिक आवश्यकतायें बताते हुए लिखा है— “जो मनुष्य सदाचारी है विषय भोग से निस्पृह और सन्तोष से तृप्त है उसको समय पर निद्रा आये बिना नहीं रह सकती।”
हमें नींद क्यों नहीं आती, अनिद्रा की बीमारी समाज में क्यों फैलती जा रही है? इसलिये कि हमारा आचरण दूषित होता जा रहा है, हम विषय-भोगों में रात-दिन आसक्त रहते हैं|
जो जीवन के सहज क्रम को छोड़कर किसी भी क्षेत्र में अति करते हैं उन्हें अनिद्रा की शिकायत होना स्वाभाविक है।
बहुत से व्यक्ति स्वभाव से अत्यधिक चिन्तनशील प्रकृति के होते हैं। दिन-रात उनका दिमाग किसी उधेड़-बुन में ही डूबा रहता है। ऐसे लोग चारपाई पर पड़कर करवटें बदलते हैं|
अनियमित अनियन्त्रित, सोच-विचार- चिन्तन से मनुष्य के स्नायु अत्यधिक उत्तेजित हो जाते हैं। इससे नींद अपूर्ण ही रह जाती है। जो रात स्वप्नों में बीती हो उस दिन उठने पर आपका बदन थका-थका अलसाया सा होगा।
अनिद्रा का कारण शारीरिक श्रम न करना भी है।
स्वस्थ नींद लेनी है तो पर्याप्त शरीरश्रम भी करें। काम करें। घूमने जायें, खेलें। जो अपनी सुविधा और रुचि के अनुकूल हो ऐसा शरीर निष्ठ श्रम अवश्य करें।
समय पर स्वस्थ नींद के लिए अपनी दिनचर्या का नियमित और व्यवस्थित होना आवश्यक है। समय पर उठिए, समय पर अपना काम कीजिए, समय पर भोजन कीजिए, टहलने जाइये। समय पर नियमित रूप से सो जाइए आप ठीक समय पर स्वस्थ नींद ले सकेंगे।
समय पर पूर्ण विश्राम मिले इसके लिए आवश्यक है कि आप अपना सम्पूर्ण जीवनक्रम व्यवस्थित, नियमित रखें।  बुरे विचार और बुरे कार्य भी नींद के शत्रु माने गये हैं।
स्वस्थ नींद के लिए मनुष्य को सभी तरह के नशीले उत्तेजक पदार्थों का त्याग कर देना चाहिये। चाय, बीड़ी, सिगरेट, कहवा, शराब आदि का उपयोग भी अनिद्रा का कारण बन जाता है।
भोजन जो हम करते हैं उसका भी हमारी नींद पर भारी प्रभाव पड़ता है। भारी, देर से पचने वाले भोजन करके सो जाने पर पेट के अवयव तेजी से काम करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में मनुष्य को नींद देर में, कठिनाई से आती है तथा स्वप्नों में, रात काटनी पड़ती है जिससे विश्राम का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता।
सोने के स्थान और वातावरण का भी बहुत प्रभाव पड़ता है। जहाँ तक हो कोलाहलशून्य, शान्त, स्वस्थ स्थान हो सोने के लिए। शुद्ध वायु का पूरी तरह आवागमन हो।
निद्रा के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है शयन कक्ष में जाने से पूर्व अपने मन को पूर्णतया निर्विकार, शान्त, संकल्पहीन, शान्त बनाने की। अपने आपको निद्रा देवी की गोद में सौंपकर शून्य में विलीन हो जाने का अभ्यास उत्तम है।

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