क्या तुम राष्ट्रपति गारफील्ड से कुछ नहीं सीख सकते। James Abram Garfield | American President |


ओहियों के घने जंगलों के बीच एक फूस की झोंपड़ी में एक विधवा अपना जीवन बिता रही थी, चिन्ता और वेदना से उसके आँसू ढलक रहे थे, वह सोच रही थी अपने इस 1 वर्षीय बालक की वह जंगली भेड़ियों से किस प्रकार रक्षा कर सकेगी, मुसीबत की मारी इस विधवा ने अपना साहस समेटा और परमेश्वर का पल्ला पकड़ा। उसने बच्चे को भेड़िये का शिकार भी होने दिया और भूखों भी मरने दिया। कुछ बड़ा होते ही यह बालक माता के साथ लकड़ियाँ काटने लगा।

James Abram Garfield

उसने माता से कुछ पढ़ना लिखना सीखा जो पुस्तकें मिल जातीं उन्हें बड़े चाव से पढ़ता। 5 वर्ष का हुआ तो खिच्चरे पर लाद-लाद कर लकड़ियाँ शहर ले जाने लगा। रास्ते में एक पुस्तकालय पड़ता था। उसमें सैकड़ों व्यक्तियों को पुस्तकें पढ़ते हुए देखकर उसका मन बड़ा ललचाता। एक दिन खिच्चर को खड़ा करके वह पुस्तकालय के अधिकारी के पास पहुँचा और निवेदन किया कि वह कोई छोटा काम करने के लिये उसे नौकर रखले पुस्तकालयाध्यक्ष ने कृपा पूर्वक उसे झाड़ू लगाने के काम पर नौकर रख लिया। अब उसने खिच्चर लादना माता पर छोड़ दिया और स्वयं नौकरी करने लगा लेकिन यह काम थोड़े समय और कम पैसों का था इसमें उसकी गुजर होती, इसलिए कुछ समय के लिए एक जगह धोबी के काम के लिये भी जाने लगा। अब उसकी गुजर होने लगी।

पर वह पेट भरने के लिए जीने वाले हमारे फैशनपरस्त नौजवानों की तरह था, उसने बचे हुए घण्टों में कठोर परिश्रम के साथ पढ़ना शुरू कर दिया। भंगी और धोबी का काम करते करते उसने विलियम कालेज की उच्च परीक्षा पास कर ली, अपने गुणों के कारण वह 26 वर्ष की उम्र में ही अमेरिका की राज्य सभा का सदस्य बन गया। और इसके बाद अमेरिका का राष्ट्रपति बन गया।

युवकों! क्या तुम गारफील्ड से कुछ नहीं सीख सकते।


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