सत्य को हज़ार तरीकों
से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा.
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं
करते हैं तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
यही आप खुद को कमजोर समझते है
तो यह सबसे बड़ा पाप है।
पवित्रता, धैर्य और दृढ़ता,
यह तीनों सफलता के लिए परम आवश्यक हैं।
इच्छा शक्ति में सामने सभी शक्तियां कमजोर है क्योंकि इच्छा शक्ति स्वम ईश्वर
के यहाँ से आती है | शुद्ध और दृढ़ इच्छा शक्ति सर्व शक्तिमान है |
सच्चाई के लिए कुछ भी
छोड़ देना चाहिए, पर किसी के लिए भी सच्चाई नहीं छोड़ना चाहिए।
अपने आप को विस्तार आपको
अपने अंदर से करना होगा। तुम्हें कोई नहीं सिखा सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक
नहीं बना सकता। कोई दूसरा शिक्षक नहीं है बल्कि आपकी अपनी आत्मा है।
ब्रह्मांड की सभी
शक्तियां हमारे अंदर हैं। यह हम ही हैं जिन्होंने अपनी आंखों के सामने हाथ रखा
है और रोते हुए कहा कि अंधेरा है।
बड़ी योजना की प्राप्ति के लिए,
कभी भी ऊँची छलाँग मत लगाओ। धीरे-धीरे शुरू करो, अपनी ज़मीन बनाये रखो और आगे बढ़ते
रहो।
इस भ्रम को मिटा दो कि
तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम
तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो.
तुम्हारा भाग्य तुम्हारे हाथ में है | जो जो शक्ति और सहायता तुम चाहते हो
वह सब तुम्हारे भीतर मौजूद है | इसलिए अपना भाग्य अपने आप ही बनाओ |
जो किस्मत पर भरोसा करते हैं वो
कायर हैं, जो अपनी किस्मत खुद बनाते हैं वो मजबूत हैं।
तुम किसी को दोष मत दो।
अगर तुम अपने हाथ आगे बढ़ाकर किसी की मदद कर सकते हो तो करो, अगर नहीं कर सकते
हो तो अपने हाथ बांधकर खड़े रहो।
यदि आपके लक्ष्य मार्ग
पर कोई समस्या न आये तो आप यह सुनिश्चित करले कि आप गलत रास्ते में जा
रहे|
अनुभव ही आपका सर्वोत्तम शिक्षक
है। जब तक जीवन है सीखते रहो।
महान कार्य के लिए महान त्याग
करने पड़ते हैं।
जब तक जीना, तब तक सीखना,
अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है|
यह कभी मत कहो कि ‘मैं
नहीं कर सकता’, क्योंकि आप अनंत हैं। आप कुछ भी कर सकते हैं।
उठो, जागो और लक्ष्य पूरा होने
तक मत रुको।
एक समय में एक काम करो,
और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ.
शक्ति जीवन है तो निर्बलता
मृत्यु है। विस्तार जीवन है तो संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु
है। –
मजबूत बनो और मर्द बनो | जो दुष्ट होते हुए भी मजबूत और मर्द है मैं उसकी
इज्जत करता हूँ, क्योंकि उसकी शक्ति किसी न किसी दिन उसे अपनी दुष्टता छोड़ने के
लिए बाध्य कर देगी और उसे सत्य के रास्ते पर ले आएगी |
एक रास्ता खोजो।
उस पर विचार करो। उस विचार को अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो।
उसका सपना देखो, उस विचार पर जियो। मस्तिष्क, माँसपेशियों, नसों, आपके शरीर के
प्रत्येक भाग को उस विचार से भर दो। और किसी अन्य विचार को जगह मत दो। सफलता
का यही रास्ता है।
अपने इरादों को मजबूत
रखो। लोग जो कहेंगे उन्हें कहने दो। एक दिन वही लोग तुम्हारा गुणगान करेंगे।
सामाजिक बुराइयों को हम बाहरी प्रयत्नों से दूर नहीं कर सकते है | सुधर तो
मन पर प्रभाव डालने से ही होगा |
दुनिया एक महान व्यायामशाला
है जहां हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
हम जैसा सोचते हैं बाहर की दुनिया
बिल्कुल वैसी ही है, हमारे विचार ही चीजों को सुंदर और बदसूरत बनाते हैं। सम्पूर्ण
संसार हमारे अंदर समाया हुआ है, बस जरूरत है तो चीजों को सही रोशनी में रखकर देखने
की।
बार बार परमेश्वर का नाम
लेने से कोई धार्मिक नहीं हो जाता। जो व्यक्ति सत्यकर्म करता है वही धार्मिक है।
हजारों ठोकरें खाने के
बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है।
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