वैदिक धर्म किस सिद्धान्त पर आधारित है? | Vedik Dharm | Hindu |

 वैदिक धर्म किस सिद्धान्त पर आधारित है?

 


वैदिक धर्म कर्म के सिद्धांत पर आधारित है |

पहला है कि मनुष्य कर्म के बिना एक भी क्षण रह नहीं सकता है |

दूसरा कर्म का फल अवश्य मिलेगा

तीसरा उत्तम व श्रेष्ठ कर्मों का फल उत्तम होता है तथा अशुभ व बुरे कर्मों का फल बुरा होता है |

जो हिन्दू धर्म के वेदों में लिखा गया है | वो चार वेद है ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद | वेद, प्राचीन भारत के पवित्र साहित्य हैं जो हिन्दुओं के प्राचीनतम और आधारभूत धर्मग्रन्थ भी हैं |

वैदिक संस्कृती के जानने और मानने वालों का यह दृढ़ विश्वास है की सृष्टि के आदि से परमात्मा ने जो ज्ञान सम्पूर्ण मानव जाती को ऋषि मुनि के द्वारा दिया है या निर्धारित किया है वही मार्ग या लक्ष्य संसार का कल्याण कर सकता है |

वैदिक संस्कृती की मान्यतानुसार मानवों को दुनिया मे रहकर ऐसा कर्म करना चाहिये कि जिससे वह देवत्व को प्राप्त करे | क्युकी मनुष्य ही देवता बनते हैं | उसी के कर्म उसे देवता या राक्षस बनाते है | यह है वैदिक सिद्धांत और संस्कृति जिसे अपनाकर श्री रामचन्द्र मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये | आज ही हम अपने कर्मानुसार धरती पर मानव होने का सौभाग्य प्राप्त करें और वैदिक सिद्धांतों द्वारा अपना-अपना कर्त्तव्य जाने और समझे |

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