स्वस्थ रहने के उपाय - Swasth Rahne Ke Upay in Hindi | Healthy Lifestyle |

स्वास्थ्य जीवन का सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है | अच्छा स्वास्थ्य ही अच्छे जीवन का मार्ग होता है | अगर स्वास्थ्य हाथ से निकल जाए तो दोबारा नहीं बनाया जा सकता | अगर व्यक्ति स्वस्थ है तो वह जीवन के हर कार्य में प्रगति कर सकता है | दोस्तों आज हम आपको जीवन में स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक नियम बताने जा रहे है जिनको अपनाकर आप अपने जीवन में स्वास्थ्य रह सकते है |

 
सबसे पहल काम जो आपको करना है वो है सुबह जल्दी उठने की आदत डालिए और ४- ६ किलोमीटर रोज टहलने जायें | जहाँ तक संभव हो शाम को भी थोड़ा टहलना चाहिए।

टहलते समय हमेशा नाक से लम्बी- लम्बी सांसें ही लेनी चाहिए तथा यह भावना करनी चाहिए की मेरा स्वास्थ्य अच्छा हो रहा है |

टहलने के अलावा, दौड़ना, साइकिल चलाना,  तैरना या कोई भी खेलकूद, व्यायाम के अच्छे उपाय हैं। रोज ३०-६० मिनट बच्चों के साथ खेलना, १०- १५ मिनट खुलकर हंसना भी अच्छे व्यायाम के अंग हैं।

प्रातः टहलने और व्यायाम के बाद भूख ज्यादा लगती है। इस समय पौष्टिक पदार्थों का सेवन करना चाहिए। अंकुरित अन्न, भीगी मूंगफली, आंवला या इससे बना कोई पदार्थ, संतरा या मौसम्मी का जूस एक अच्छे ब्रेकफास्ट का अंग होते हैं।

भोजन सादा और कम से कम तला हुआ होना चाहिए और भोजन को  प्रसाद रूप में, शांत, प्रसन्न और निश्चिन्तता पूर्वक करो और उसे भोजन को तरह चबाचबा कर खाओ। खाते समय न बात करो और न हंसो। एकाग्र चित्त होकर भोजन करना चाहिए।

आप यह सोच रहे होंगे की हमें कितना भोजन करना चाहिए ? हमेशा  भूख से कम खाना चाहिए |  या फिर आधा पेट भोजन करो, एक चौथाई पानी के लिए एवं एक चौथाई पेट हवा के लिए खाली छोड़ना चहिये इससे आपका खाना अच्छी तरह से पचता है |
 
भोजन में रोज अंकुरित अन्न अवश्य शामिल करो। अंकुरित अन्न में पौष्टिकता एवं खनिज लवण बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इनमें मूंग सर्वोत्तम मानी गयी है। अंकुरित चना  या भीगी मूंगफली इसमें थोड़ी मेथी दाना एवं चुटकी भर- अजवायन मिला लें तो यह कई रोगों का प्रतिरोधक एवं प्रभावी ईलाज है।

मौसम के अनुसार ताजा हरी सब्जी और ताजे फल खूब खाओ। जितना हो सके कच्चे खाओ अन्यथा आधी उबली/ उबली तथा कम मिर्च- मसाले, खटाई की सब्जियां खाओ। एक टुकड़ा रोटी के साथ चार ग्रास सब्जी के अनुपात का प्रयास करना चाहिए |

आटा चोकर समेत खाना चाहिए जहाँ तक सम्भव हो तो हाथ का पिसा हुआ खाओ। जौ, गेहूं, चना, सोयाबीन का, मिस्सी रोटी का आटा जल्दी पचने वाला और पौष्टिक होता है। पौष्टिकता की दृष्टि से रोटी में हरी सब्जी, पालक, मेथी, बथुआ आदि पत्तीदार सब्जी मिलाकर बनायें और खायें। दलिया / खिचड़ी में भी पत्तीदार एवं हरी सब्जियाँ मिलाकर पौष्टिकता बढ़ाई जा सकती है। सब्जियों के सूप का नित्य सेवन पौष्टिक एवं हलके भोजन का अच्छा अंग हो सकता है।

जहाँ तक संभव हो भोजन के साथ पानी कम से कम पीओ। दोपहर के भोजन के घंटे भर बाद पानी पीना चाहिए । भोजन यदि कड़ा और रूखा हो तो २- ४ घूंट पानी अवश्य पियें।

एक काम अपनी दिनचर्या में जोड़ लो कि प्रातः उठते ही खूब पानी पीओ। दोपहर भोजन के थोड़ी देर बाद छाछ और रात को सोने के पहले थोड़ा गर्म दूध अमृत समान होता है।
दिन में कम से कम दो से तीन लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए।

धूम्रपान, मादक पेय- पदार्थ (जरदा, गुटखा, सॉफ्ट ड्रिंक जैसे कोकाकोला, पेप्सी इत्यादि एवं शराब आदि ) हमेशा के लिए त्याग देनी चाहिए |

चाय- कॉफी आदि के स्थान पर सादा ठंडा या गुनगुना पानी, नींबू पानी, छाछ, गाजर, पालक चुकन्दर, लौकी, टमाटर इत्यादि सब्जियों का एव मौसम्मी या संतरा, पपीता इत्यादि फलों के रस का उपयोग लाभकारी होता है।

भोजन में स्वाद बढ़ाने वाली चीजें जैसे मिर्च, प्याज, लहसुन, खटाई इत्यादि का प्रयोग कम से कम करें, हो सके तो छोड़ दें।

रोज शाम निवृत्त हो जाने के बाद, दिनभर में अपने पुरूषार्थ से किये काम- काजों की सफलता अथवा असफलता प्रभु को समर्पित कर, निश्चिंत होकर, जल्दी सोंये ताकि सुबह भोर में उठ सकें ।।

अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना अति आवश्यक है। जब आप स्वस्थ होंगे तो आप अपने जीवन के अन्य पहलुओं की भी देखभाल करने में सक्षम होंगे।

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