क्या अच्छी संगति का हमारे ऊपर प्रभाव होता है? ~ Does good Association have an Effect on Us? ~ Motivation Hindi

 

दोस्तों अच्छी संगति का भी प्रभाव हमारे जीवन में होता ही है। अगर किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रभावशाली है तो उसका प्रभाव उसके संपर्क में आने वाले लोगों पर जरूर पड़ता है | आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि ऋषियों के आश्रमों में शेर तथा गाय एक घाट में पानी पिया करते थे | इसका कारण जानते हो आप! इसका कारण यही था कि उस जगह का वातावरण प्रेम, अहिंसा और सद्भावना की प्रबल भावना प्रवाह वहाँ बहती थी । उससे हिंसा करने वाले पशु भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते थे |

मित्रों इसी प्रकार चंदन के आसपास उगने वाले छोटे−बड़े अन्य पेड़ पौधे भी सुगन्धित हो जाते हैं। मेरे भाई फूल टूट− टूटकर जिस भूमि पर गिरते रहते हैं उस मिट्टी में भी खुशबू आने लगती है, फिर सद्गुणी और सज्जनों के सम्पर्क में आने वालों पर वैसा ही प्रभाव क्यों न पड़ेगा?

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सुसंगति को तो पारस की उपमा दी गई है। लोहा पारस मणि को छूकर सोना हो जाता है, सज्जनों के सम्पर्क में साधारण व्यक्ति भी महत्ता को प्राप्त करते देखे गये हैं। सत्पुरुषों के सम्पर्क से मनुष्य की सत्प्रवृत्तियाँ बढ़ती हैं।

क्या आपने देखा है सूर्यमुखी के फूल को? सूर्यमुखी का फूल उधर ही मुड़ता रहता है जिधर सूरज घूमता है। सुबह होते ही कमल की कली का मुख खुल जाता है। श्रेष्ठ व्यक्तियों का प्रभाव पड़ते ही मनुष्य की अन्तरात्मा में छिपी हुई सत्प्रवृत्तियाँ भी उसी प्रकार खिलने और विकसित होने लगती हैं।

मेरे भाई अच्छे व्यक्ति चाहे कुछ भी न कहें, कोई शिक्षा या आदेश भी न दें, पर उनके जीवन की स्वच्छता, शान्ति, पवित्रता एवं महत्ता स्वयमेव समीपवर्ती लोगों को यह सिखाती है कि इस मार्ग पर चलते हुए आदर्श एवं श्रेष्ठ जीवन व्यतीत किया जा सकता है। अच्छे लोगों के निकट का जो उत्कृष्ट वातावरण रहता है उसमें अच्छाइयाँ पनपती हैं। श्रेष्ठ मार्ग पर चलने की और बुराइयाँ छोड़ देने की इच्छायें स्वयमेव उठने लगती हैं। कितने ही दोष-दुर्गुण तो उस उत्तम वातावरण के कारण अपने आप ही छूट जाते हैं, उसके कारण अपने को स्वयं ही लज्जा और ग्लानि होने लगती है, जिससे उन्हें छोड़ देने के लिए ही अग्रसर होना पड़ता है।

इसलिए यह कहा जा सकता है कि अच्छी संगती का हमारे ऊपर प्रभाव होता है

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