दोस्तों आज कल मुझे बहुत से भाई मिलते है और कहते है कि मैं बहुत परेशान हूँ? क्या है हमारी परेशानियों का क्या कारण है? इसका उन्हें पता ही नहीं है | मेरा तो यह मानना है एक ही है कि हमारी गलत आदतें और पैसे का सही इस्तेमाल न कारण ही हमारी परेशानियों का कारण है |
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आजकल हम लोग अपनी पोशाक, फैशन, क्रीम, पाउडर, जेवर आदि के द्वारा शरीर को सजाने में जितना समय और धन हम खर्च करते हैं, उससे आधा भी यदि व्यायाम, मालिश एवं संतुलित आहार में खर्च करें तो हमारा सौंदर्य और स्वास्थ्य ऐसा अच्छा हो जाए कि फटे-टूटे कपड़े पहनकर भी। गुदड़ी में छिपे लाल की तरह हमारा व्यक्तित्व निखरकर चमकने लगेगा । मेरे भाई करोगे नियमित व्यायाम, छोड़ोगे फैशनपरस्ती, लोगे संतुलित आहार | आज से ही शुरू कर दो मेरे भाई | कोई नहीं बताएगा यह सब आज के ज़माने में तुम्हें |
मेरे भाई स्कूल-कालेजों की थोथी पढ़ाई करके नौकरी का उद्देश्य पूरा कर लेने में तुम जितनी शक्ति लगाते हो, यदि उसका आधा श्रम भी गुण, कर्म, स्वभाव को अच्छा बनाने की प्रक्रिया में खर्च करके व्यक्तित्व का सर्वांगपूर्ण विकास करने में लगा लो तो तुम साधारण व्यक्ति न रहकर महापुरुष बन सकते हो | और अपना ही नहीं, अपने संपर्क में आने वाले अनेकों का भविष्य उज्ज्वल कर सकते हो।
और जितना पैसा तुम व्यसनों में, नशेबाजी में, सिनेमा जैसे भद्दे मनोरंजनों में, कुप्रथाओं में, अंधविश्वासों में, धूमधाम बनाने में नष्ट किया जाता है, उसका आधा भी यदि राष्ट्रीय पुनरुत्थान के कार्यों में हम स्वेच्छापूर्वक लगा दें तो वर्त्तमान पंचवर्षीय योजना की अपेक्षा दस गुनी योजना हम बिना किसी विदेशी सहायता के बड़ी आसानी से चला सकते हैं और विकास के जो सपने आज कठिन दिखाई पड़ते हैं, वे जादू की तरह साकार होकर हमारे सामने आकर उपस्थित हो सकते हैं।
पर हम करेंगे नहीं यही हमारी परेशानियों का कारण है मेरे भाई |
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