शेखचिल्ली का मजाक क्यों बनाया जाता है? ~ Why is Sheikh Chilli made fun of? ~ Motivation Hindi

क्या आप जानते हो शेखचिल्ली का उपहास किसलिए उड़ाया जाता है | कुछ तो जानकारी रखा करो मेरे भाई, शेखचिल्ली का उपहास इसलिए उड़ाया जाता है कि वह बेचारा अपने वर्त्तमान साधनों की कमी का विचार न करके बड़ी−बड़ी कामनाएँ करने लगता था। यों ही विवाह करने और सच्चा होने की कामना कोई असंभव बात नहीं है। बहुत लोग इस इच्छा को पूर्ण करते हैं, पर शेखचिल्ली को मूर्ख इसलिए माना गया कि उसने उतने साधन जुटाने में लगने की अपेक्षा तुरंत— क्षण भर में अपना मनोरथ पूरा करने की उड़ान उड़नी शुरू कर दी।

.


भाई इसका परिणाम यह हुआ कि वह कामनापूर्ति से ही वंचित नहीं रहा, वरन इस हड़बड़ी में सिर पर रखा तेल का घड़ा भी फोड़ बैठा और लो एक नई मुसीबत में फँस गया। इसलिए अपनी औकात, हैसियत, योग्यता और परिस्थिति की बात को भुलाकर बहुत से लोग बड़े−बड़े काम पूरे होने की  कल्पनाये  करने लगते है और वे सपने जब दूर हटते है, या देर लगाते दिखते हैं तो व्याकुल हो जाते हैं | वे लोग असंतोष में डूब जाते है और अतृप्ति की आग में बेतरह जलने लगते हैं। ऐसे लोगो को क्या कहा जाये आप ही निर्णय कर लो मेरे भाई |

जो भी मेरा भाई सच में आनंद को प्राप्त करना चाहता हैं, उसे ऐसी भूल नहीं करनी चाहिए। भाई अगर में कामना करने लगूँ की पूरी दुनिया पर राज करूँ, और उस पर राज करने की न तो मेरे अंदर काबिलियत हो और न ही ताकत हो तो क्या ऐसा हो सकता है | बोलो मेरे भाई क्या सोचने लग गए |

हमें बस इतना ही सोचना चाहिए कि आज के साधनों से सुविधापूर्वक कल हम क्या, कितना लाभ प्राप्त कर सकते हैं; बस कामना को इतना ही बढ़ने देना चाहिए। इससे अधिक यदि वह बढ़ रही है तो तुरंत इसे रोकना चाहिए। यह बात मान सकते है कि कल जब परिस्थितियाँ अधिक अच्छी हो जाए तो परसों के लिए उससे बड़ी कामना की जा सकती है।

इंसान को कामना और कल्पना को बढ़ाने में कोई कठिनाई नहीं होती है । वह तो क्षण भर में सात समुद्रों का राजा बनने की आकांक्षा तक बढ़ाई जा सकती है। कठिनाई तो उसका नियंत्रण करने में होती है मेरे भाई । जो भाई आनंद प्राप्त करने का इच्छुक है उसे यह नियंत्रण करना ही होगा, अन्यथा बढ़ी हुई कामनाओं के सामने उपाय और साधन इतने ही कम सिद्ध होंगे, जितने जलते तवे पर पानी के कुछ छींटे।

इसलिए भाइयों शेखचिल्ली की तरह मत सोचों | शेखचिल्ली की तरह मत बनो | शेखचिल्ली की तरह मत जियो | वर्तमान में जीना सीखो | अपनी स्थिति का सही आंकलन करों |

 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ