Summary: प्रत्येक व्यक्ति संसार में आकर सफलता और सुयश की अभिलाषा किया करता है। अन्यथा जो लोग किसी प्रकार पेट भर कर जीवन के दिन पूरे कर लेते हैं उनमें और पशु, पक्षियों के जीवन में कोई विशेष अंतर नहीं समझा जाता। पर जीवन की सफलता तब तक सम्भव नहीं जब तक हम अपना एक विशेष उद्देश्य न बना लें और उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए कुछ व्यावहारिक सिद्धांत निश्चित न कर लें। प्राचीन और अर्वाचीन विद्वानों ने मानवीय अभिलाषाओं पर विचार करके उनकी सफलता के लिए पाँच बातें आवश्यक बतलाई हैं- (1) सुस्पष्ट आदर्श (2) दृढ़ अभिलाषा (3) विश्वासप्रद आशायें (4)अटल संकल्प (5)संतुलित क्षतिपूर्ति। इन पाँचों भावनाओं की यदि हम सर्व साधारण के समझने योग्य व्याख्या करना चाहें तो हम कहेंगे कि यदि तुम किसी खास लक्ष्य तक पहुँचना चाहते हो तो (1) तुम्हें इस बात का ठीक-ठाक ज्ञान होना चाहिए कि तुम्हारी इच्छा का यथार्थ रूप क्या है? (2) तुम्हारी इच्छा हार्दिक हो और उसे पूरा करने के लिए तुम्हारे हृदय में सच्ची लगन हो। (3) तुम्हारे अन्तर में यह विश्वास और आशा भी हो कि वह इच्छा अवश्य पूरी हो जायेगी (4)तुम्हारा संकल्प पक्का हो जिससे तुम सदैव उसके लिए प्रयत्न करते रहो। (5)यदि आवश्यकता पड़े तो उसे प्राप्त करने के लिए तुम उसका मूल्य चुकाने-किसी प्रकार का त्याग करने को भी तैयार हो।
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