बुद्धिबल के लिए कौन सी पांच बातें की आवश्यक है? ~ Brain Power ~ Motivation Hindi

बुद्धिबल सभी बलों से सम्पन्नता के कारण सर्वप्रधान है। सभी बल इसी बुद्धिबल पर निर्भर करते हैं। यदि बुद्धिबल हो तो सभी प्रकार के बल किसी न किसी प्रकार से प्राप्त भी हो जाएंगें। इसलिए आपको सुशिक्षित, बुद्धिमान और क्रिया कुशल बनाने का सतत प्रयत्न करना चाहिए।

दोस्तों बुद्धिबल के लिए हमारे रहिषिओं ने पाँच बातें आवश्यक बतलायी  हैं |

(1) ज्ञान प्राप्ति की तीव्र इच्छा

(2) तर्क का आश्रय

(3) अध्ययन

(4) संगति

(5) सूक्ष्म निरीक्षण और मनन।


दोस्तों क्या आपके अंदर ज्ञान प्राप्ति करने की तीव्र इच्छा है |  जिसे जानने की तीव्र अभिलाषा है वह एक दिन अवश्य जानकार बनकर रहेगा |  उसकी यह इच्छा ही ऐसे साधन जुटा देगी जिससे अभीष्ट ज्ञान को प्राप्त करना उसके लिए सुगम और आसान हो जायेगा।

मित्रों आपको तर्क का आश्रय लेना पड़ेगा | हठ, दुराग्रह, भ्रम और अन्ध विश्वास को छोड़कर जो तर्क और प्रमाणों के आधार पर सत्य और असत्य का निर्णय करता है वह वस्तु स्थिति तक पहुँच जाता है, उसकी बुद्धिमता में बढ़ोतरी होती है।

मित्रों एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है सतत अध्ययन | इच्छित विषय के पुस्तकें तथा पत्र पत्रिकाएं पढ़ने से तथा उस विषय के जानकारों की समीपता में रहने से, उस प्रकार के कार्यों में क्रियात्मक हाथ बंटाने से ठोस ज्ञान मिलता है।

दोस्तों आप सूक्ष्म दृष्टि से परिस्थितियों को देखने, उनकी तह तक पहुँचने की कोशिश करते रहे |  इससे आपको नई नई बातें, नये नये तथ्य सूझ को ज्ञान होने लगेगा। जो खोज में रहता है वह अभीष्ट स्थान तक पहुँच ही जाता है।

मित्रों एक बात अपने दिमाग में अच्छी तरह अंकित करो लो | “मैं सब जानता हूँ, मेरी अकल सबसे आगे है, मेरी ही बात सबसे ऊपर है, मैं ही सही हूँ और सब गलत हैं,” इस प्रकार का दुराग्रह और अहंकार रखने वालों की बुद्धि दिन दिन घटती है। यह मिथ्या अहंकार बुद्धि विकास के मार्ग को बन्द कर देता है |

इसलिए जिन भाइयों को बुद्धि बल प्राप्त करने की इच्छा है उन्हें इस प्रकार के अहंकार से पूर्णतया बचा कर रहना चाहिए। आपको विभिन्न विषयों की गहरी जानकारी प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी जैसी अभिरुचि रखनी चाहिए और तर्क द्वारा परीक्षा करके हर बात का खरा खोटापन परखते चलना चाहिए।

अधिक जानकारी, अधिक वास्तविक जानकारी, अधिक उपयोगी जानकारी इन तीन आधारों पर जो अपने ज्ञान को बढ़ाता रहता है वह एक दिन बुद्धिबल संपन्न हो जाता है।



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