परिश्रम, परिश्रम और केवल उचित परिश्रम ही सफलता का आधार है| ~ HardWork ~ Motivation Hindi

 


संसार परमात्मा की लीला-भूमि और मनुष्य की कर्म भूमि है। यहाँ पर पग-पग नमस्कार दोस्तों बहुत से लोग कहते है सफलता भाग्य से मिलते है अगर आप भी ऐसा ही सोचते है तो आप बिलकुल गलत है | सफलता का एक ही आधार है और वह है, परिश्रम, परिश्रम और केवल उचित परिश्रम |

मेरे भाई यह संसार परमात्मा की लीला-भूमि और मनुष्य की कर्म भूमि है। यहाँ पर पग-पग पर प्रतियोगिता में, परीक्षा में अपने को डालकर पात्रता प्रमाणित करनी होती है। उसमें विजय प्राप्त करने पर ही आपको पुरस्कार मिलता है। परीक्षा प्रतियोगिता उत्तीर्ण किए बिना न तो आज तक किसी को सफलता तथा श्रेय मिला है और न आगे ही मिलेगा। अगर तुमको श्रेय एवं सफलता की आकांक्षा है, तो तुम अपने को प्रतियोगी मानकर इस कर्मभूमि में अपनी कर्म तथा कर्तव्यशीलता का प्रमाण प्रस्तुत करो | और तब आप देखो कि आपको मनोवाँछित फल मिलता है या नहीं।

परिश्रम, परिश्रम और केवल उचित परिश्रम ही सफलता का आधार है। इसके लिये परमात्मा की अनायास कृपा पर निर्भर रहना बेकार की चेष्टा है, मेरे भाई जो अपनी सहायता आप करते हैं भगवान् उन्हीं की सहायता किया करते है।

ईश्वर ने मनुष्य को पहले से ही बल, बुद्धि और विशेषताओं से भरा शरीर देकर बहुत बड़ी कृपा कर दी है, साथ ही उसने सारी विभूतियाँ और समस्त ऐश्वर्य इस विराट विश्व में बिखेर दी हैं। तुम अपनी योग्यता और पात्रता बढ़ाइये अपना हो जाइये। तुमको सफलता अवश्य मिलेगी | 

मेरे भाई यदि एक-दो चार -छः दस-बीस बार भी असफलता मिले तो भी निराश  मत होना, अपना उत्साह कम मत होने देना और न ही पुरुषार्थ की महिमा में विश्वास खोकर परमार्थवादी बनिये |  प्रयत्न करते जाइये, प्रयास करते जाइये, अधिकाधिक पसीना बहाते चलिये आप जीतेंगे और जीत कर ही रहेंगे।

इस संसार में सभी को सफलता के शिखर पर पहुँचने के लिये न जाने कितनी असफलताओं का सामना करना पड़ता है। परिश्रम, पुरुषार्थ तथा श्रेय एक सफलता के अमोल बीज है, जो न कभी व्यर्थ हुए है और न आगे होंगे। वह दूसरी बात है कि भूमि के अनुसार उन्हें फलीभूत होने में थोड़ा विलम्ब या देर लग जाती है। इसलिए मेरे भाई तुम धैर्य तथा स्थिरता के साथ अपने पथ पर बढ़ते जाओ और तब तक मत रुकना जब तक सफलता प्राप्त न कर लो।

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