अगर सफलता चाहिए तो काम करने की आदत डालो ~ Make a Habit of Doing

 


Summary:
मित्रों दुनिया में अनेक ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके पास उत्तम विचारों और उत्तम योजनाओं की कमी नहीं है। उनके पास योजनाओं को सफल बनाने के लिए अनेक प्रकार की सुविधाएं भी हैं। सफलता की अनेक युक्तियां उनके पास होती हैं, किन्तु फिर भी वे आगे नहीं बढ़ पाते हैं।
मित्रों इसका कारण क्या है? क्या तुमने कभी इस पर विचार किया है |
 

दोस्तों ऐसे व्यक्तियों की सबसे बड़ी कमी यह है कि वे कागजी योजनाएँ तो बहुत बनाते है, परन्तु अपने विचारों को कार्य के रूप में रूपांतरित नहीं करते हैं।
दोस्तों सफलता प्राप्त करने के लिए आपको कार्य करने की आदत डालनी होगी । यदि आप सफल व्यक्तियों के जीवन का अध्ययन करेंगे तो आपको पता चलेगा कि वे काम को क्रियात्मक रूप से कर देने में अधिक विश्वास करते थे।
 

मित्रों आपको यह जानकर हैरानी होगी कि नेपोलियन पढ़ा लिखा नहीं था। अधिक सोचता भी नहीं था। उसकी सफलता का रहस्य कार्य को कर डालना था। वह कार्य करने का प्रेमी था। नेपोलियन कहा करता था ‘‘मुझे बड़ी-बड़ी योजनाएं मत बताओ। जो मैं कर सकूं, वही मुझे चाहिए।’’ यही उसका उद्देश्य था।
अंग्रेजी में एक कहावत है ‘‘नर्क की सड़क उत्तम योजनाओं से परिपूर्ण है।’’ अभिप्राय यह है कि जो व्यक्ति सोचते बहुत हैं, वे उतना ही कम कार्य करते हैं।
मित्रों हेमलेट नामक राजकुमार की कठिनाई का वृत्तांत आप सभी ने सुना ही होगा । ‘‘करूं या न करूं?’’ इसी दुविधा में वह सदैव फंसा रहा।
 

व्यर्थ की योजना मत बनाओ | क्या लाभ है, उस विचार से जिस पर काम न किया जाय?
दोस्तों हमें आवश्यकता इस बात की है कि हम जो कुछ सोचें विचारें, या योजनाएं बनाये, उन पर कार्य भी करें । योजनाएं निर्माण करने से पूर्व सोचिए। ‘मैं जो बातें सोच रहा हूं, क्या में उनको कर सकूंगा? उनमें तथा मेरी शक्तियों में कितना अनुपात है? मैं अपनी सामर्थ्य के बाहर की बात तो नहीं सोच रहा हूं? कहीं मैं अपनी सामर्थ्य से दूर की योजना में तो नहीं फंस गया हूं? जो कार्य मैं, हाथ में लेकर चल रहा हूं, उसे करने के निमित्त मेरे पास क्या साधन हैं? मेरे पास कितना धन है? कितने मित्र बन्धु-बांधव इत्यादि हैं? मेरी आर्थिक, शारीरिक, धार्मिक, सामाजिक स्थिति कैसी है? इन प्रश्नों का पर्याप्त विचार करने के पश्चात ही किसी बड़े कार्य में हाथ डालें।

मित्रों में आपको बताने जा रहा हूँ कि किसी भी कार्य की पूर्ण सफलता के लिए आपको किन नियमों को हमेशा याद रखना चाहिए |
 

1. जिस सफलता की आशा आप करते हैं, वह पहले आपके मस्तिष्क में आनी चाहिए। जिस रूप में जो चीज आप प्राप्त करना चाहते हैं, वह वैसी ही स्पष्ट रूप में आपके मन में स्पष्ट होनी चाहिए।
 

2. आप अपनी सारी मानसिक, शारीरिक और क्रियात्मक शक्तियां उस कार्य में लगा दीजिये |
 

3. जब तक आप अपनी समूची शक्तियों को अपने लक्ष्य पर केन्द्रित नहीं करेंगे, तब तक आप अपनी शक्तियों से अधिकतम लाभ प्राप्त नहीं कर सकेंगे। मनुष्य में इधर उधर बहक जाने की आदत है। मन की यह ‘भंवरावृत्ति’ आपकी एक बड़ी कमजोरी है। इस पर विजय प्राप्त करने की आवश्यकता है।
 

4. आपको मानसिक दृष्टि से सचेष्ट और जागृत रहकर, अपना मन और शरीर की सभी इन्द्रियां अपने लक्ष्य में लगानी होंगी।
 

5. आपको अपनी संकल्प शक्ति का विकास एवं संचालन करना सीखना होगा | संकल्प शक्तिवान व्यक्ति ही वास्तविक मनुष्य है।
 

6. इच्छा अनुसार एकाग्रता का संचालन करना सृजनात्मक शक्ति का प्रथम नियम है।
 

7. यदि जाग्रत मन का उचित शिक्षण हो जाय, तो धीरे-धीरे आन्तरिक मन भी उसी के अनुसार परिवर्तित हो जाता है।

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