विश्वास करो कि तुम जगत में महान कार्य के लिये आये हो ~ Motivation Hindi

 


नमस्कार दोस्तों, अपने ऊपर विश्वास करो कि तुम इस दुनिया में किसी महान कार्य के लिये आये हो, तुम्हारे अन्दर एक महान आत्मा निवास करती है। यह विश्वास करो कि तुम शरीर नहीं आत्मा हो, तुम मृत्यु नहीं अमर हो, इसलिए तुम्हें कोई नष्ट नहीं दे सकता है, कोई भी तुम्हें विचलित नहीं कर सकता है।

मेरे भाई यह विश्वास करो कि तुम अकेले नहीं हो। यहाँ तक कि जंगल, नदी, पर्वत और एकान्त में भी तुम अकेले नहीं हो, तुम्हारे साथ सर्वशक्तिमान सर्वव्यापक परमात्मा है। जब तुम सोते हो और जब तुम गहरी नींद में होते को तब भी परम प्रभु तुम्हारा भगवान तुम्हारे साथ ही होता है।

.

तुम्हारा वह अनन्त पिता तुम्हें जीवन दे रहा है, वह तुम्हें महान और चिरायु बनाना चाहता है इसलिए किसी भी दशा में अपने आपको अकेला और असहाय न मानो, भला जब अमरत्व सहायों का भी सहाय राजाओं का भी राजा परम प्रभु तुम्हारे साथ हैं तब तुम अपने आपको निराश्रित और असहाय क्यों समझते हो।

क्या हुआ यदि तुम्हारा विनाश करने के लिए सब संसार की सारी शक्तियाँ इकट्ठी हो गयी हैं। यदि परमपिता तुम्हारी रक्षा कर रहा है तो विश्वास करो कोई तुम्हारा बाल भी बाँका नहीं कर सकता। विश्वास करो, तुम्हारा पिता तुम्हें प्यार करता है। वह तुम्हें अपने पास बुला रहा है। परन्तु तुम अपने पिता के पास न जाकर बाहर की ओर बढ़े जा रहे हो। जरा रुको

, अनन्त प्रेम की प्राप्ति तुम्हें परम पिता के पास होगी।

मेरे भाई विश्वास करो। ईश्वर तुम से बहुत उपयोगी कार्य लेना चाहता है। तुम ईश्वर का निमित्त बन कर प्रभु को आत्म समर्पण कर दो, समर्पण करने से तुम्हें बड़ी शक्ति मिलेगी।

आत्म-समर्पण का अर्थ यह नहीं कि तुम आत्मविश्वास खो बैठो। जब तुमने परम आत्मा को आत्मसमर्पण किया है। तब तुम में पूर्ण आत्म-विश्वास जागृत होना चाहिए। उस दशा में तुम महान बन गये हो, तुम्हें भय नहीं रहा ऐसा सोचो तुम महान से मिलकर महान बन गये यह विश्वास करो।

विश्वास करो, तुम बलवान हो। निर्बलता इस दुनिया में पाप है। तुम अपने मन में से निर्बलता को सदा के लिये भगा दो। आत्मा और परमात्मा दोनों बल हैं। तुम्हारी निर्बल मनोवृत्ति मानसिक है। मन भी प्राकृतिक है तुम तो प्रकृति से परे हो। इसलिए मन में कभी निर्बलता को मत आने दो।

विश्वास करो, तुम पवित्र हो और शुद्ध हो। अशुद्धता और अपवित्रता को तुम जब चाहो छुटकारा पा सकते हो, इसलिए यदि तुम से कभी भूल भी हो गई है तो उससे अधिक चिन्तित न बनो। आगे से उस बुराई को कभी न करने के दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ो। बढ़ते ही चलो तुम्हें कोई नहीं रोक सकता है। आज तक बढ़ने वाले को कोई नहीं रोक पाया।

यदि तुम यह सोचो कि कोई तुम्हारा विरोध न करे तभी तुम कर सकोगे तो यह भी कभी न होगा। अक्सर तुम जीवन संघर्ष को ही विरोध मान लेते हो। विरोध के बिना तुम बढ़ने का विचार न करो। तुम विश्वास करो कि तुम सब बाधाओं पर विजयी हो सकोगे, उठो और आगे बढ़ो, और बढ़ते ही चलो।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ