आपकी छोटी-छोटी आदतें ही बाद में बड़ा रूप धारण कर लेती है? ~ Knowledge Lifetime

 

दोस्तों आपकी छोटी-छोटी आदतें ही बाद में बड़ा रूप धारण कर लेती है?

एक बच्चा आरम्भ में एक पैसा चुराने की आदत सीखता है, बड़ा होने पर वह कुछ बढ़ी−चढ़ी गड़बड़ी करने लगता है, समयानुसार बड़े हाथ मारने की क्षमता प्राप्त करता है और यदि परिस्थिति अनुकूल रहें तो एक दिन नामी चोर होकर जेलखाने में जा पहुँचता है। सभी उसे घृणा करते हैं, कोई अपना नहीं रह जाता। सर्वत्र निन्दा, सहयोग, घृणा ही उसे प्राप्त होती है और कठिनाइयों से पार निकलने का कोई रास्ता नहीं दीखता। एक दूसरा उसी का साथी बच्चा ईमानदारी पर दृढ़ आस्था जमाता है। माँ-बाप उस पर पूरा भरोसा करते हैं, अध्यापक उस पर प्रेम और गर्व करते हैं, बड़ा होने पर जहाँ वह कारोबार करता है वहाँ उसका सम्मान देवता की तरह होता है और अपने कृपालुओं की सहायता से बहुत ऊँची स्थिति तक जा पहुँचता है।

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आरम्भ में इन दोनों बालकों के स्वभाव में थोड़ा अन्तर था। एक दो पैसा चुराने न चुराने य उससे खरीदी जा सकने वाली वस्तु के मिलने न मिलने का कोई महत्व न था, पर इस भिन्नता ने जब अपनी परिपक्वता प्राप्त की तो दोनों में इतना अन्तर आ गया कि जिसका कोई अन्दाज नहीं।

बुराई और भलाई की परस्पर विरोधी वृत्तियाँ आरंभ में बहुत छोटे रूप में होती हैं पर उनका परिपोषण होते रहने से धीरे−धीरे बड़ा विशाल रूप बन जाता है। व्यभिचार का आरंभ हँसी, दिल्लगी या छोटी उच्छृंखलता से होता है, इस मार्ग पर बढ़ते हुए कदम किसी नारी को वेश्या बना सकते हैं। इसके विपरीत यदि सदाचार के प्रति थोड़ी दृढ़ता रहे तो वही वृत्ति आरम्भ में छोटी−छोटी उपेक्षा या टालटूल के रूप में दिखाई पड़ती है पर अन्त में वही व्यक्ति आलस-प्रमाद और लापरवाही में अपना सब कुछ गँवाकर दर-दर ठोकरें खाते फिरने की स्थिति में पहुँच जाता हैं।

एक दूसरा व्यक्ति जिसे परिश्रम में अपना गौरव और चमकता भविष्य दीखता है निरन्तर हँसी−खुशी के साथ परिश्रम करता रहता है और इसी पुरुषार्थ के बल पर वह उन्नति के उच्च शिखर पर जा पहुँचा होता है।

इसलिए शुरूआत से ही अपनी आदतों को समझे कि जो हम कर रहे है, उसका अंत में क्या परिणाम होगा | अगर तुमने इसके अंत को समझ लिया तो तुम्हें सफलता के मार्ग पर बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता है | तुम अपने लक्ष्य तक पहुँच ही जाओगे | तुम्हे सफलता मिल ही जाएगी | अपने ऊपर विश्वास रखते हुए अपने कदम बढ़ाते रहो | अपना विकास करते रहो इसी का नाम जीवन है मेरे भाई |

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