क्या कलियुग में संघ शक्ति ही प्रमुख शक्ति है ? Is Organization Power the Main Power in Kali Yuga?

दोस्तों शास्त्र में कलियुग की प्रधान शक्ति संगठन बताई गई है। ‘संघ शक्ति कलियुगे’ के सूत्र में इसी तथ्य का प्रतिपादन है कि अनेक दुर्बल मिलकर ही एक समर्थ से बड़े सिद्ध हो सकते हैं।

बहुत से लोग यह उदाहरण देते है कि एक सिंह असंख्य मृगों को हरा और भगा सकता है। लेकिन जन समाज के लिये यह ठीक नहीं है | मेरे भाई अब शासन बदलने जैसी महान प्रक्रिया सम्पन्न करने के लिये महाभारत रचने की जरूरत नहीं पड़ती वरन् वोट देने भर से राज्य पलट जाते और शासन बदल जाते हैं। प्रजातंत्र की परिपाटी ने पिछड़े समझे जाने वाले लोगों की इच्छानुसार राज्य मुकुटों को धराशायी बना देना सम्भव कर दिया है।

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अब वे उन पौराणिक घटनाओं को साकार करते हैं जिनमें असुरों का सामना करने में असमर्थ ऋषियों ने बूँद-बूँद रक्त इकट्ठा करके जमा किया और जमीन में गाड़ा और उसमें से सीता उत्पन्न हुई, जिसके कारण समस्त असुरों का नाश हो गया। दूसरी घटना वह भी याद आती है जब असुरों से परास्त और निराश देवताओं की थोड़ी-सी शक्ति इकट्ठी करके ब्रह्माजी ने दुर्गा का सृजन किया और उस देवी ने दुर्दान्त असुरों को निरस्त कर दिया। इस प्रकार के अगणित उपाख्यान पुराणों में मिलते हैं, उनसे संगठन की महत्ता का समर्थन होता है।

अब उस तथ्य की ओर भी अधिक स्पष्टता और प्रखरता के साथ प्रयुक्त होते एवं अनुभव में आते देखा जा सकता है। आजकल संघ शक्ति ही सबसे बड़ी शक्ति है। इसके बल पर बड़े से बड़े प्रयोजन पूरे किये जाते हैं। राजतन्त्र पहले से ही जन सहमति से चल रहा है। अब अर्थ तन्त्र, समाज तन्त्र भी लोक रुचि के अनुरूप ही चलने लगेंगे।

क्या आपको नहीं पता, रीछ वानरों का सहयोग लेकर भगवान राम ने और गोवर्धन उठाने में ग्वाल बालों का सहयोग लेकर भगवान कृष्ण ने जन-संगठन की महत्ता का ही प्रतिपादन किया था। आज का इंसान विभिन्न बातों को लेकर आपस में ही लड़ते हुए देखा जा सकता है |  हम सभी को मिलकर रहना चाहिए और एक अच्छे समाज का निर्माण करना चाहिए |

अभी अपना स्वराज्य संग्राम जन सहमति के रुझान से ही जीता गया। जन शक्ति आने वाले दिनों में सबसे बड़ी शक्ति होगी | दुनिया की अन्य सारी शक्तियाँ उसके सामने फीकी पड़ जायेंगी और बौनी रह जायेंगी। आने वाले दिनों में विज्ञान, शास्त्र और सत्ता की प्रबलता को भी जन शक्ति के आगे झुकना पड़ेगा।

संघ शक्तियाँ सदा ही प्रबल रहीं थीं, पर इस युग में उनका चरम विकास होगा और ‘संघ शक्ति कलियुगे’ का चमत्कार हर किसी को प्रत्यक्ष दिखाई देने लगेगा।

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