मनुष्य की संकल्प शक्ति ही सबसे बड़ी है ~ Man's Willpower is the Greatest Power ~ Motivation Hindi


 पत्थर की एक बड़ी चट्टान को देखकर शिष्य ने बुद्ध से पूछा ‘भगवन् ! क्या इस चट्टान पर किसी का शासन सम्भव है ?

पत्थर से कई गुनी शक्ति लोहे में होती है। इसीलिए लोहा पत्थर को तोड़कर टुकड़े-टुकड़े कर देता है।’ भगवान बुद्ध ने शिष्य की जिज्ञासा को शान्त करते हुए उत्तर दिया। तो फिर लोहे से भी कोई वस्तु श्रेष्ठ होगी?’ शिष्य ने प्रश्न किया। ‘क्यों नहीं ? अग्नि है। जो लोहे के अहं को गलाकर द्रव्य रूप में बना देती है।’


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अग्नि की विकराल लपटों के सम्मुख किसी की क्या चल सकती होगी?’

केवल जल है जो उसकी उग्रता को शीतल कर देता है’

'जल से टकराने की फिर किसमें ताकत होगी? प्रतिवर्ष बाढ़ तथा अति वृष्टि द्वारा जन और धन की अपार हानि होती है ।'

ऐसा क्यों सोचते हो वत्स! इस संसार में एक से एक शक्तिशाली पड़े हुए हैं। वायु का प्रवाह जलधारा की दिशा बदल देता है । संसार का प्रत्येक प्राणी वायु के महत्त्व को जानता है, क्योंकि इसके बिना उसके जीवन का महत्त्व ही क्या है ?’

जब प्राण ही जीवन है, फिर इससे अधिक महत्वपूर्ण वस्तु के होने का प्रश्न ही नहीं उठता।’

अब भगवान बुद्ध को हँसी आ गई। उन्होंने कहा--मनुष्य की संकल्प शक्ति द्वारा वायु भी वश में हो जाती है। मानव की यह शक्ति ही सबसे बड़ी है।’

 

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