दोस्तों क्या तुम खुद पर भरोसा करते हो? यदि नहीं करते हो तो तुम खुद पर भरोसा करने की आदत डालो क्योंकि तुम समर्थ हो और जो तुम चाहते हो तुम कर सकते हो।
किसी इंसान में विश्वास का होना बहुत महत्वपूर्ण होता है | जीवन में इंसान को बहुत सी कठिनाइयों, समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आत्म-विश्वास ही वे चाबी है जो उसे इस संकट से लड़ने की शक्ति दे सकती है। इस दुनिया में वही मनुष्य श्रेष्ठ माना जायेगा जो अपनी कठिनाइयों से अपनी राह निकालता है। आत्मविश्वास की पतवार लेकर उसे अपनी जीवन की नाव को चलना पड़ेगा, उसे आँधी तूफानों से संघर्ष करने के लिए अपना दिल मजबूत बनाना होगा, उसे अपनी आत्मसत्ता को जागृत करना होगा।
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दोस्तों रामायण में जब सभी वानरी-व्यूह विशाल सेना समुद्र को देख उदास हो गयी थी। तब जामवन्त ने पवनपुत्र के आत्म विश्वास को जागृत किया | इस परिस्थिति में ऋक्षराज जी ने हनुमान जी को सम्बोधन करके कहा - पवन पुत्र तुम्हारा जन्म राम कार्य के लिए हुआ है, तुम्हारा बल की सीमा नहीं है, यह समुद्र तो क्या तुमने तो एक बार सूर्य को भी फल समझ कर खाने के लिए छलांग लगा दी थी | और उन्हें इन प्रोत्साहन भरे शब्दों को सुनकर हनुमान “कनक भूधराकार शरीर” हो गये। वे समुद्र लाँघकर सीता माता का पता ले आये। यही असंभव कार्य आत्मविश्वास के बल पर सामान्य गया।
मेरे भाई क्या तुम जानते हो कि आत्मविश्वास ही प्रायः संसार में महान कार्यों को जन्म देता है। महात्मा गाँधी जी का विश्वास कह रहा था कि स्वतन्त्रता हमें मिलकर रहेगी। इस आत्मविश्वास के बल पर वे सत्य, अहिंसा के अस्त्र को लेकर स्वतन्त्रता प्राप्ति हेतु स्वतन्त्रता संग्राम में कूद पड़े। आत्मविश्वास के बल पर ही अब्राहम लिंकन ने अथक प्रयास कर दासों को मालिकों के शिकंजे से मुक्त करवाया था। अब्राहम लिंकन ने अपनी डायरी में लिखा था, “मैंने अपने भगवान को वचन दिया है कि दासों की मुक्ति के कार्य को अवश्य पूरा करूंगा।” इसी आत्मविश्वास ने कोलंबस को अमेरिका की खोज में सहयोग दिया था। नैपोलियन ने आत्मविश्वास की शक्ति के बल पर अपने सेनापति से कहा था, “यदि आल्पस हमारा मार्ग रोकता है तो वह नहीं रहेगा और सचमुच उस विशाल पर्वत को काटकर रास्ता बना लिया गया।
दोस्तों विश्वास ही जीवन में सफल होने का मूल मन्त्र है।
महात्मा गाँधी ने कहा था - “विश्वास हमारी जीवन-नैया को तूफानी सागर में भी खेता है। विश्वास पर्वतों को डिगा देता है। विशाल सागर को लाँघ सकता है। विश्वास कोमल पुष्प नहीं है जो साधारण वायु के झोंके से गिर जाय।
स्वेट मार्डेन ने लिखा है - “विश्वास जीवन के उस मार्ग की खोज करता है जो हमें मंजिल तक पहुँचाता है।
राजा भगीरथ को गंगावतरण में इस आत्मविश्वास ने सफलता पहुँचायी थी।
आत्मविश्वास के सामने अभाव, अभिशाप दीनता, दारिद्रय निष्क्रिय हो जाते हैं। ये विषमतायें उसमें अवरोध उत्त्पन नहीं करतीं है। इस संसार में ऐसी कितनी ही विभूतियों ने जन्म लिया है जो इन बाधाओं को ठोकर मारते हुए मंजिलों पर पहुँची हैं।
मनुष्य अपने व्यक्तित्व का निर्माता स्वयं है। उसके पास आत्मविश्वास का बहुत बड़ा सम्बल है। एक बढ़ई का कार्य करने वाला बिना औजार के दरवाजे चौखट आदि नहीं बना सकता है। उसी प्रकार मनुष्य को अपने चरित्र, गुण एवं व्यक्तित्व निर्माण के लिए आत्मविश्वास की जरूरत होती है। कुछ लोगों में अच्छी शिक्षा, अच्छा साधन, अच्छा ज्ञान होता है फिर भी उनको अपने कार्यों में सफलता इसलिए नहीं प्राप्त होती क्योंकि उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है।
तुम्हें अपनी छोटी-मोटी असफलताओं पर ध्यान न देकर अपनी मंजिल की ओर बढ़ते जाना चाहिये। अपने संसार का कर्णधार वही बन सकता है जिसमें आत्म-विश्वास है। नये मार्गों के तलाश करने वाला भी वही व्यक्ति होते हैं जिसमें आत्मविश्वास होता है। इसलिए आत्मविश्वास के महत्व को अपने दिल और दिमाग में बसा लो | इसलिए तुम्हें आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए।
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