सफलता के लिए संकल्प के साथ शक्ति भी आवश्यक होती है ~ Strength is also Necessary with Determination ~ Motivation Hindi


 दोस्तों क्या आप जानते हो कि सफलता प्राप्त करने  के लिए संकल्प के साथ शक्ति भी आवश्यक होती है | किसी काम के लिए सिर्फ संकल्प कर लो और और उसको पूरा करने के लिए अपनी पूरी शक्ति उस कार्य में न लगाओ तो लक्ष्य प्राप्त करने में संशय ही बना रहेगा |

मेरे भाई कहा जाता है कि संकल्प ही सफलता की जननी है। संकल्प इच्छा शक्ति का ही प्रचंड रूप है। इच्छा−आकांक्षा ही घनीभूत होकर व्यक्ति को काम करने के लिए प्रेरित करती है और उसे अ`पने लक्ष्य को प्राप्त के लिए प्रेरित करती है। किसी भाप से चलने वाली रेलगाड़ी को पटरी पर दौड़ाने के लिए भाप आवश्यक है। यद्यपि उसके साथ चालक की इच्छा

, आकांक्षा और नियन्त्रण दक्षता भी आवश्यक है। चालक की कुशलता और दक्षता को इच्छा शक्ति का प्रतिरूप कहें तो अकेले रेलगाड़ी और चालक का होना ही पर्याप्त नहीं है। उसके लिए वाष्प से उत्पन्न की गई शक्ति जिसके कारण कि रेल के पहियों में गति आती है−का होना भी बहुत आवश्यक है।

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मेरे भाई यह सच है कि संकल्प के अभाव में शक्ति का कोई महत्व और मूल्य नहीं है उसी प्रकार यह भी तो सच है कि शक्ति के अभाव में संकल्प भी पूरे नहीं होते है। केवल संकल्प करते रहने वाला, कोई भी प्रयास न करने वाला व्यक्ति, उस आलसी व्यक्ति की तरह कहा जायगा जो अपने पास गिरे हुए आम को उठाकर मुँह में भी रखने की कोशिश नहीं करता और इच्छामात्र से आम का स्वाद ले लेने की आकांक्षा करता है। ऐसा करने से क्या वह उस आम का स्वाद ले पायेगा बताओ मेरे भाई | कभी नहीं, आम खाने के लिए उसे अपनी शक्ति का उपयोग करना पड़ेगा |  

अपने संकल्प के साथ अपनी शक्ति को जोड़ना एक कला है और इसमें बहुत थोड़े से लोग ही निपुण हो पाते हैं। इसका कारण यह है कि इंसान परिश्रम और प्रयासों से दूरी बना कर रखता है | बहुत से लोग law of attraction के सिद्धान्त को पढ़−पढ़कर यही विश्वास करने लगते हैं कि− हम जो कुछ भी चाहते हैं वह हार्दिक आकांक्षा होने पर हमें अपने आप ही प्राप्त हो जायगा। जबकि सच्चाई यह है कि केवल वे ही इच्छायें पूरी होती हैं, जिनके साथ सशक्त प्रयास भी जुड़े हों। यहाँ शक्ति का अर्थ है उद्देश्य के प्रति दृढ़ निष्ठा, उसे पूरा करने के लिए किये गए आवश्यक प्रयास, अपने मार्ग में आने वाली कठिनाइयों और बाधाओं से शक्ति के साथ मुकाबला करना | यदि यह गुण किसी इंसान में नहीं है तो उनके अनुसार मन के लड्डू खाये जाते रहें है ।

प्रश्न यह है कि उत्साह में उस स्तर की अभिवृद्धि के लिए हमें क्या करना चाहिए?

दोस्तों उत्साह में उस स्तर की अभिवृद्धि हमें अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदारी पैदा करनी होगी | हमें अपने भविष्य के प्रति आशापूर्ण दृष्टिकोण अपनाना होगा | हमें अपने जीवन में अधिक परिश्रम करना होगा | हमें अपने ज्ञान में व्रद्धि करनी होगी | हमें डटकर मुसीबतों का सामना करना होगा | हमें अपने मार्ग में आने वाली कठिनाइयों से जूझने का साहस पैदा करना होगा।

संक्षेप में उद्यम, आशा और साहस−ये तीन ही वे प्राथमिक कसौटियाँ हैं जिनके आधार पर अपने उत्साह को परखा जा सकता है और संकल्प के साथ शक्ति को संयुक्त किया जा सकता है।

मेरे भाई इस बात को अपने दिमाग में अच्छी तरह बसा लो कि सफलता की प्राप्ति के लिए दृढ़ संकल्प के साथ उद्यम, आशा और साहस का होना आवश्यक ही नहीं अनिवार्य भी है। अन्यथा तुमको खयाली पुलाव पकाने के अतिरिक्त और कुछ भी प्राप्त नहीं होगा।

आप जीवन में उन्नति करें ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूँ | मुझे ध्यान से सुनने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद |

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