चरैवेति, चरैवेति ~ जीवन चलने का नाम - चलते रहो सुबह-शाम ~ The luck of the walker wakes up ~ Motivation in Hindi

 जीवन चलने का नाम - चलते रहो सुबह - शाम

उपनिषद में ऋचाकार का कथन है- चरैवेति, चरैवेति !

अर्थात् चलते रहो-चलते रहो।

चलते रहने का नाम जीवन है|

ऋषि कहते हैं कि सोने वाले का भाग्य सो जाता है

और चलने वाले का भाग्य जग जाता है।

निःचेष्ट रहना ही कलियुग है।

जिसने तनकर चलना आरंभ कर दिया,

उसके लिए हर जगह सतयुग ही सतयुग है।

यह कथन अध्यात्म जीवन का प्राण है

और भौतिक जीवन का एक तथ्य है।

गतिशीलों को सफलताएँ मिली है|

.

कार्य को करने वालों को ही सफलता मिलती है |

पत्थर की तरह जड़ बनकर जो बैठे रहे,

उनको निराशा के अतिरिक्त कुछ हाथ लगा नहीं।

इस बात को जान लो |

शरीर के कण-कण में वायु का आवागमन होता रहता है

और रक्त का प्रवाह लगातार गतिशील रहता है।

पैर एक स्थान छोड़कर दूसरे तक चलने के लिए सतत् गतिशील रहते हैं।

यदि स्थिरता की जकड़न जोड़ों को पकड़ ले तो समझना चाहिए कि

संधिवात या पक्षाघात जैसी अपंगता का आक्रमण हुआ है।

सूर्य, चंद्र से लेकर ब्रह्मांड में अधर टँगे नक्षत्र स्थिर दीखते भर हैं।

उनकी गतिशीलता असाधारण है।

अचल दीखने वाली पृथ्वी तक अपनी धुरी पर बहुत तेज गति से घूम रही है,

और वह सूर्य की परिक्रमा कर रही है |

सूर्य, महासूर्य की महा परिक्रमा पर द्रुतगति से दौड़ते दिखाई देते हैं।

गतिशीलता की इस प्रक्रिया का जो भी परित्याग करेगा,

उसे मृतकों में न सही,

अपंगों-मूर्च्छितों के कूड़े कबाड़े के किसी कोने में ही जगह मिल सकेगी।

नदियाँ चलती हैं, झरने बहते हैं, पक्षी उड़ते हैं, हिरन फुदकते हैं।

यहाँ तक कि तितली, चींटी, दीमक, मधुमक्खी तक को चैन नहीं।

बैठे रहने का आलस्य-अवसाद

यदि इनमे से किसी ने अपनाया होता

तो उनकी गणना निर्जीवों में हुई होती।

समुद्र भी कहाँ शाँत रहता है?

उसमें निरंतर ज्वार-भाटे उठते रहते हैं,

तूफान मचलते हैं

और वाष्प बादल

उसके अंग अवयव के रूप में आकाश में उड़ान भरने का आनंद चखते हैं।

गति ही जीवन है।

इस बात को जान लो |

प्रगति ही प्रशस्ति का मार्ग है,

जो गन्तव्य की ओर ले जाता है।

अगति और मरण में कोई बहुत बड़ा अंतर नहीं है।

हम भी योजना बद्ध परिभ्रमण का उपक्रम अपनाकर

स्वयं को सतत् गतिशील बनाये रखें।

उसी में जीवन की सार्थकता है।

इसलिए दोस्तों चलते रहो-चलते रहो।

चलते रहने का नाम जीवन है|

अपने लक्ष्य की ओर निरंतर चलते रहो |

थक कर कभी भी हार मत मानना |

जो रुक गया, जो थक गया,

उसे प्रकृति नष्ट कर देगी |

 

 

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