तुम्हें भाग्यवादी नहीं पुरुषार्थी बनना चाहिए| ~ Purushaarthee Bano ~ Motivation

 पुरुषार्थी बनो


तुम्हें भाग्यवादी नहीं पुरुषार्थी बनना चाहिए|

आज का किया गया पुरुषार्थ, कल तुम्हारा भाग्य बनता है।

जीवन में अवसर अपने आप नहीं आते |

उन्हें, अपने पुरुषार्थ से लाना पड़ता है।

आलसी के जीवन के अवसर, आलस्य में समाप्त हो जाते हैं।

परिस्थितियों अनुकूल हो तो हर कोई कार्य कर लेता है|

प्रतिकूल परिस्थितियों में किया गया पुरुषार्थ, व्यक्ति को महान बना देता है |

पुरुषार्थी व्यक्ति के जीवन में, अवसर की कमी नहीं हैं।

तुम्हें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पुरुषार्थ करना होगा।

शिक्षा प्राप्त करने के लिए पुरुषार्थ करना होगा |

धन कमाना है, तो पुरुषार्थ करना होगा |

कार्य करने के लिए भी पुरुषार्थ करना होगा |

जीवन में सफलता के लिए भी पुरुषार्थ करना होगा |

धर्म की रक्षा के लिए भी पुरुषार्थ करना होगा |

यदि तुम मोक्ष की इच्छा रखते हो, तब भी पुरुषार्थ करना होगा |

तुम्हें पुरुषार्थ करना ही होगा|

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तुम बिना पुरुषार्थ के, जीवन में कोई भी लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकते | 

शेर के मुख में हिरन अपने आप नहीं चला जाता है |

शेर को उसके लिए पुरुषार्थ करना पड़ता है |

छत्रपति शिवजी महाराज ने पुरुषार्थ किया और मराठा साम्राज्य की स्थापना की |

बिना पुरुषार्थ के तो इस दुनिया में कोई भी कार्य नहीं हो सकता है |

भाग्य के भरोसे मत बैठो, कोई भगवान तुम्हारी रक्षा नहीं करेगा |

केवल पुरुषार्थ ही तुम्हारी रक्षा कर सकता है |

भगवन भी उन्ही की सहायता करते है,

जो अपनी सहायता खुद करने के लिए पुरुषार्थ करता है |

संविधान भी तुम्हें आत्मरक्षा के लिए पुरुषार्थ करने का आदेश देता है |

जीवन के किसी भी क्षेत्र में तुम बिना पुरुषार्थ के नहीं रह सकते हो |

बिना पुरुषार्थ के सफलता प्राप्त करना तो दूर,

तुम्हारा जीना भी मुश्किल हो जायेगा |

पुरुषार्थी व्यक्ति का सम्मान सभी जगह होता है |

सफलता पुरुषार्थी के चरणों में होती है|

लक्ष्मी पुरुषार्थी शेरों को ही प्राप्त होती है|

इस सत्य को कभी न भूलना चाहिये।

जीवन में उन्नति चाहिए तो पुरुषार्थ करो |

जीवन में प्रगति चाहिए तो पुरुषार्थ करो |

जीवन में सफलता चाहिए तो पुरुषार्थ करो |

जीवन में सम्पन्नता चाहिए तो पुरुषार्थ करो |

जब तक पुरुषार्थ नहीं करोगे |

जब तक अपना पसीना नहीं बहाओगे |

तब तक किसी श्रेय का अधिकारी नहीं बन सकोगे।

 

पुरुषार्थ का पुरस्कार सम्पन्नता है-यह एक ईश्वरीय नियम है।

सफलता के लिए दूसरों का मुँह मत ताको |

तुम पुरुषार्थ करो,

तुम्हारी सफलता कोई नहीं छीन सकता है |

पुरुषार्थ, पुरुषार्थ और केवल उचित पुरुषार्थ ही सफलता की कुंजी है |

इस सफलता की कुंजी के पुरुषार्थ से प्राप्त करो |

एक-दो चार -छः दस-बीस बार भी असफलता मिले ,

तब भी पुरुषार्थ करना मत छोड़ो |

हतोत्साह मत होना,

पुरुषार्थ की महिमा में विश्वास रखों |

पुरुषार्थ ही तुम्हें सफलता दिलायेगा |

अधिकाधिक पसीना बहाते चलिये आप जीतेंगे।

सफलता के शिखर पर पहुँच जाओगे |

पुरुषार्थ सफलता के अमोल बीज है|

जो न कभी व्यर्थ हुए है और न आगे होंगे।

पुरुषार्थ के सामने कौन सी बाधा टिक सकती है |

जब तुम पुरुषार्थ करते हो, तो पर्वत भी रास्ता दे देता है |

तुम पुरुषार्थ से नदियों के रुख को भी मोड़ देते हो |

थोड़ा विलम्ब लग सकता है।

तो भी कोई बात नहीं |

धैर्य तथा स्थिरता के साथ पुरुषार्थ करते रहिये |

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