किन चार का परित्याग अपने जीवन से कर देना चाहिए? Which four should be abandoned from one's life? Garud Puran

दोस्तों गरुड़ पुराण के अनुसार हमें किन चार का परित्याग अपने जीवन से कर देना चाहिए? अगर आप इन चार का परित्याग नहीं करते हो तो आप लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है|

सबसे पहला है दुष्ट जनों से व्याप्त देश: दोस्तों जिस देश में दुष्ट लोग रहते है उस देश को जल्दी से जल्दी छोड़ देना चाहिए| ऐसे देश में रहने पर आपको अपनी और परिवार की जान को खतरा हो सकता है | क्योंकि दुष्ट लोगों का क्या भरोसा कब क्या कर दें| 

दूसरा है उपद्रवग्रस्त निवास भूमि: जिस भूमि पर आये दिन उपद्रव होते रहते हैं, वहां पर रहने वालों का भविष्य अन्धकारमय हो जाता है | मौत कभी भी आ सकती है | व्यापार करना मुश्किल हो जाता है | परिवार और अपनी सुरक्षा करना भी मुश्किल होता है | इसलिए ऐसी भूमि को जल्द से जल्द चूर देना चहिये |

तीसरा है कृपण राजा: दोस्तों कृपण का अर्थ होता है एक ऐसा व्यक्ति जिसका लक्ष्य केवल धन का संग्रह करना हो और जो जरूरत पड़ने पर भी ख़र्च न करता हो यानि धन का घोर लोभी या लालची व्यक्ति|  अगर किसी देश का राजा कृपण है तो वहां पर आपका रहना, व्यापार करना, शिक्षा प्राप्त करना मुश्किल हो जायेगा| ऐसा राजा धन के लालच में अपनी प्रजा और देश को किसी भी तरह का नुकसान करने में भी नहीं चूकेगा | उसे किसी भी कार्य में धन चाहिए होगा जिससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा और लोगों का जीवन नर्क के सामान हो जायेगा |

चौथा है मायावी मित्र: दोस्तों यहाँ मायावी दोस्त का मतलब है ऐसा  बहुत चालाक और  धोखेबाज मित्र है | अगर आपका कोई दोस्त है जो बहुत चालाक और धोखेबाज है, तो आपका यह मित्र आपको कभी भी मुसीबत में डालकर हानि पहुंचा सकता है| ऐसे मित्र का साथ होना ऐसा ही है जैसे जहरीले सांप को अपने साथ रखना जो मौका मिलते ही डस लेगा आपको |  तो मित्रो ऐसे दोस्तों से दूर रहो |

गरुड़ पुराण के शब्दों में दुष्टजनों से व्याप्त देश, उपद्रवग्रस्त निवास भूमि, कृपण राजा तथा मायावी मित्र का परित्याग कर देना चाहिये।

 

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