Maa Resham Ka Taar | Hindi Kavita | Richa True Films |
माँ चंदन की गंध है,
माँ रेशम का तार,
बंधा हुआ जिस तार में,
सारा ही घर द्वार
माँ थी जब तक घर में,
जुड़े रहे सब तार,
माँ के जाते ही उठी,
आँगन में दिवार,
यहाँ वह सारा जहाँ,
नापे अपना पांव,
माँ के आँचल सी नहीं,
और कही भी छव,
रिश्तो का इतहास है,
रिश्तों का भूगोल,
सम्बन्धो के जोड़ का,
माँ है फेविकोल,
माँ चंदन की गंध है,
माँ रेशम का तार,
बंधा हुआ जिस तार में,
सारा ही घर द्वार।
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