इंसान महान कैसे बनता है? Qualities of a Great Man | Inspirationa Video in Hindi |

 महान पुरुष बनने के लिए मनुष्य को अपने विचार, स्वभाव व व्यवहार में महानता लाना आवश्यक हैं। केवल शक्ति के बल पर कोई भी मनुष्य महान नहीं बन सकता। महान बनने के लिए मनुष्यों के हृदय का प्रेम जीतना पड़ता है, अपने अन्दर आकर्षण शक्ति का विकास करना होता है, उनके हृदय में अपनत्व की भावना को स्थापित करना होता है।



किसी भी व्यक्ति को महान पुरुष बनने के लिए सर्वप्रथम यह आवश्यक है कि वह अपने अन्दर स्नेह एवं सद्भावनाओं से उत्पन्न आकर्षण का प्रयत्न करें। अक्सर इस प्रकार के गुण विख्यात नेताओं में पाए जाते हैं वे सर्वप्रथम अपने व्यवहार द्वारा मनुष्य के हृदय का प्रेम जीतने का प्रयत्न करते हैं और जब वे पूर्ण रूप से मानव-समाज को आकर्षित कर लेते हैं। तब वे अपनी इच्छानुसार कार्य करवा लेते हैं ।
 

महान पुरुष बनने के लिए दूसरी आवश्यकता है विचारों की महानता। अगर मनुष्य के विचारों में महानता नहीं हुई तो उसकी परिणाम यह होता है कि उन्नति करके भी पुनः पतन को प्राप्त हो जाता है। महान विचारों का तात्पर्य सात्विक भावना से है। अगर विचार उच्च व शुद्ध होंगे तो यह भी सत्य है कि आपका जीवन भी महान व निर्मल होगा। जब आप वस्तुतः महान होंगे तो दूसरे भी आपको वैसा ही समझेंगे और वैसा ही अपने अन्तःकरण में स्थान एवं मान देंगे। एक अच्छा और महान पुरुष की निशानी होती है कि वो कुछ भी करने से पहले जरूर सोचता है। वो कोई भी निर्णय भावनाओं में बह के नहीं करता है। पहले स्थितियों और लोगों को समझता है और उसके बाद ही प्रतिक्रिया देता है।  
 

तीसरी बात महान पुरुष बनने के लिए जो आवश्यक है वह है- मनुष्य का व्यवहार। मनुष्य का व्यवहार ही सत्य होता है बाकी सब असत्य भी हो सकता है। और इसी से ही वास्तविक सत्य रूप से जीवन पर प्रभाव पड़ता है। किसी व्यक्ति को आप हृदय से कितना चाहते हैं यह तो आपके व्यवहार से ही ज्ञान हो सकता है। वो जिस चीज पर भरोसा करते हैं उसके पक्ष में खड़े होने से डरते नहीं है। जो भी उन्हें सही लगता है वो किसी के सामने कहने से हिचकते नहीं है। उन्हें किसी के स्वीकार्य की जरूरत नहीं होती है। अपने किए हुए काम की जिम्मेदारी लेने भी वो नहीं डरते हैं ।  
 

महान पुरुष बनने के लिए चौथी आवश्यकता है दूसरों के अन्दर अपनत्व की भावना जागृत कराना। दूसरे व्यक्ति आपको अपना व्यक्ति जब ही समझेंगे जबकि आप दूसरों के दुःख दर्दों को ध्यान पूर्वक सुनें और उन्हें दूर करने का प्रयत्न करें। तब ही आप दूसरों के हृदय में अपनत्व की भावना को जागृत करने में सफल हो सकेंगे अन्यथा नहीं। एक अच्छे पुरुष में एक गुण जो देखने को मिलता है वो है सहनशक्ति। आम लोग हर बहुत जल्दी घबरा जाते हैं लेकिन वो हर छोटी-छोटी बातों या समस्याओं से विचलित नहीं होता है बल्कि उसका सामना करता है और उससे बाहर आने के बारे में सोचता है।  

महान पुरुष बनने के लिए पाँचवाँ गुण जोकि आवश्यक गुण है वह गुण है हिलमिल-सरिता। सब लोगों से हिलमिल कर रहना। विरोधी व्यक्तियों के विचार भी ध्यानपूर्वक सुनना। जिस प्रकार की महात्मा गाँधी जी ने किसी भी मत का खण्डन नहीं किया बल्कि सभी मतों के अच्छे तत्वों को सहायता देकर उनकी विशेष उत्तमताओं को प्रोत्साहित किया यही कारण था कि बापू जी राष्ट्रपिता ही नहीं बल्कि विश्वपिता के स्वरूप में सम्मानित हुए। उनसे चाहे कोई विरोध रखता हो पर वे किसी से विरोध नहीं रखते थे। यही कारण है कि आज वे सभी जाति सभी राष्ट्रों द्वारा सम्मानित हैं। वे कहते थे- ‘पाप से घृणा करो पापी से नहीं’। अतः महानता की महानतम सीढ़ी पर चढ़ने के लिए, सहिष्णुता, समन्वय भावना एवं मिलन सरिता का गुण भी नितान्त आवश्यक है।
वसुधैव कुटुम्बकम की भावना रखिये: महान लोगों के उदार चरित वाले होते हैं और उदार चरित वाले लोगों के लिये पूरी धरती कुटुम्ब के समान होती है। महान लोगों के लिये कहा भी गया है महान लोगों के लिये दूसरों का धन मिट्ठी के समान होता है।
 

इन सब बातों का ध्यान रखने पर जो महान बनने के लिए अवशेष गुण रह जाते हैं वे सब अपने आप ही आपके अन्दर आ जायेंगे।
महात्मा गांधी जी का कहना था कि खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं। व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता हैं। शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती है। यह एक अदम्य इच्छा शक्ति से आती है। एक अच्छा इंसान हर सजीव का मित्र होता हैं।

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