दुनिया में आदमी का दुश्मन कौन है?
| Who is the enemy of man in the world? |
संसार में मनुष्य को दुःख देने वाले तीन प्रकार के शत्रु हुआ करते हैं।
एक प्राकृतिक आपदाएं, जैसे अतिवृष्टि, तूफान, भूकम्प आदि।
दूसरे अन्य
जीवों से हमला, जैसे सर्प, बिच्छू, टिड्डी, डाका, युद्ध आदि।
तीसरे आध्यात्मिक शत्रु, जैसे अज्ञान, स्वार्थ, विक्रोश, आलस्य और अभाव।
इनमें से प्राकृतिक आपदाएं और अन्य जीवों से हमला कष्ट बाहर से आते हैं,और हम समय सूचकता तथा दूरदर्शिता के सहारे उनसे बहुत कुछ अपनी रक्षा कर सकते हैं।
पर हमारे आध्यात्मिक शत्रु हमारे अपने मन या स्वभाव के ही विकार हैं इसलिये उनका प्रतिकार तब तक नहीं किया जा सकता जब तक हम स्वयं अपना सुधार न कर लें।
संसार में मनुष्य को दुःख देने वाले तीन प्रकार के शत्रु हुआ करते हैं।
एक प्राकृतिक आपदाएं, जैसे अतिवृष्टि, तूफान, भूकम्प आदि।

तीसरे आध्यात्मिक शत्रु, जैसे अज्ञान, स्वार्थ, विक्रोश, आलस्य और अभाव।
इनमें से प्राकृतिक आपदाएं और अन्य जीवों से हमला कष्ट बाहर से आते हैं,और हम समय सूचकता तथा दूरदर्शिता के सहारे उनसे बहुत कुछ अपनी रक्षा कर सकते हैं।
पर हमारे आध्यात्मिक शत्रु हमारे अपने मन या स्वभाव के ही विकार हैं इसलिये उनका प्रतिकार तब तक नहीं किया जा सकता जब तक हम स्वयं अपना सुधार न कर लें।