पिता का स्थान
अदुतीय कहा गया है| उसका जीवन एक खुली पुस्तक के सामान है पुत्र पर उसके व्यक्तित्व,
विचार, आदत और स्वभाव पड़ता है | एक अच्छा पिता बनना कोई आसान बात नहीं है। क्या आपको
पता है कि एक अच्छा पिता कैसा होता है| आज मैं बताने जा रहा हूँ एक अच्छे पिता के लक्षण
क्या होते है |
जो पिता बच्चो से घुलमिलकर रहे, मुक्त ह्रदय से बातों को सुनें, उनमें
नयी प्रेरणा और उत्साह भर दे, कठिनाईओ का सामना करने की प्रेरणा दे, वह अच्छा पिता
है |
जो पिता बच्चो का पथ प्रदर्शन करने में, उनकी जिज्ञासाओं का समाधान
करने में, कुशल व्यक्तित्व बनाने में, सक्षम है, वह अच्छा पिता है|
जो बच्चों
के सामने अपने जीवन से आदर्श और त्याग करके प्रस्तुत करे, वह अच्छा पिता होता है |
जिस पिता
का जीवन अनुशासनात्मक होता है, वह अच्छा पिता होता है |
जिस पिता
के जीवन से बच्चो को प्रेरणा मिले, वह अच्छा पिता होता है |
जो पिता किताबी
शिक्षा के साथ-साथ वेवहारिक ज्ञान भी दे सके, वह अच्छा पिता है|
जो पिता बच्चो में मिलजुलकर रहने की, मिल बाटकर खाने की, साथ-साथ चलने
की, सुख-दुःख में साथ रहने की, भावना पैदा करे, वह अच्छा पिता है|
जिस पिता से बच्चे अपनी कठिनाइयों को बिना संकोच के कह सके, वह अच्छा
पिता है |
जो बच्चों पर चिल्लाएं न, जो बच्चों के सामने पत्नी से झगड़ा न करे,
जो अपने माता पिता का सम्मान और आदर करे, उनके लिए कभी भी अपशब्द न कहे, यह एक अच्छे
पिता के लक्षण है |
जो अपने बच्चों
को इतना ज्ञान दे ताकि वह समाज में अपना विचार वक्त कर सके, वह अच्छा पिता है |
जो पिता अपने
बच्चों को हमेशा सच बताता है, वह अच्छा पिता है|
जो पिता हमेशा
बच्चों का ख्याल रखता है, वह अच्छा पिता है |
जो बच्चों
की छोटी सी छोटी जरूरत के लिए भी सहानुभूति रखता है, वह अच्छा पिता होता है |
जिस पिता
पर बच्चे विश्वास करे, वह अच्छा पिता है |
जो बच्चों
के अच्छे काम करने पर उन्हें पुरस्कृत करें ताकि वो प्रोत्साहित हों वह अच्छा पिता
होता है |
जो पिता एक
अपने बच्चों को उनकी गलतियों पर मारने या डांटने से अच्छा यह समझाने में सक्षम है कि
वह गलत है, ताकि बच्चे भविष्य में वह ग़लतियाँ न दोहराहे, वह अच्छा पिता होता है |
अपने बच्चों
के साथ समय व्यतीत करता है चाहे उसके ऊपर कितनी जिम्मेदारियां क्यों न हो, अच्छा पिता
है |
बच्चों के
खुशी के पल में हमेशा उनके साथ रहने वाला अच्छा पिता है | ऐसा करके वो उनको जीवन भर
याद रहता है |
जो पिता बच्चों
को जीवन के दैनिक कार्यों को समय पर पूरा करना सिखाता है, वह अच्छा पिता है |
बच्चों के
सामने गलती होने पर स्वीकार करे और उसके लिए क्षमा मांगे वह अच्छा पिता है |
जो पिता बच्चों
में त्याग और प्यार की भावना पैदा करे वह अच्छा पिता है |
जो अपने बच्चों में देशभक्ति की भावना जगा सके, वह अच्छा पिता है |
जो अपने बच्चों को स्वतंत्र निर्णय लेने के काबिल बना दे, वह अच्छा
पिता है |
जो अपने बच्चों
को अच्छे और बुरे कार्य का अन्तर समझा दे, वह अच्छा पिता है |
एक अच्छा
पिता बच्चों को परेशानियो से संघर्ष करना सिखाता है, परेशानियो से भागने की नहीं|
एक अच्छा
पिता परिवार का संरक्षक और मार्गदर्शक होता है|
जो पिता बच्चो
के साथ मित्र की तरह, सलाहकार की तरह व्यवहार करता है, वह अच्छा पिता है|
जो पिता अपने बच्चे में कभी हीन भावना को नहीं पनपने देता है, वह अच्छा
पिता है |
पिता को कभी-कभी
कठोर होना पड़ता है|
माता के बाद संतान पर सबसे अधिक प्रभाव पिता का पड़ता है | माता के
प्रेम को ममत्व और पिता के प्रेम को स्नेह कहा जाता है | स्नेह को प्रेम और विवेक का
समन्वय कहा जा सकता है | बच्चो को गीली मिटटी कहा गया है और पिता को कुम्हार, एक अच्छा
पिता बच्चों को अच्छा आकर प्रदान करता है | उनका जीवन बनाता है | एक अच्छा पिता काम-काज
और जीविका करने में लगे रहने के बावजूद बच्चो पर भी ध्यान देता है ताकि वह बिगड़े न
| पिता को संतान के प्रति अपना उतरदायित्व समझना चाहिए |
0 टिप्पणियाँ