अरस्तु के विचार | Arastu Ke Vichar | Arastu Quotes | Knowledge Lifetime |

अरस्तु एक यूनानी दार्शनिक थे। वे प्लेटो के शिष्य सिकंदर के गुरु थे। अरस्तु का जन्म 384 . पू. में एथेंस के उत्तर में स्थित मेसेडोनिया के प्रसिद्ध नगर स्टेगेरिया नामक नगर में हुआ था। उनके पिता मकदूनिया के राजा के दरबार में शाही वैद्य थे| अरस्तु ने भौतिकी, आध्यात्म, कविता, नाटक, संगीत, तर्कशास्त्र, राजनीति शास्त्र, नीतिशास्त्र, जीव विज्ञान सहित कई विषयों पर रचना की। उनके लिखे हुए ग्रन्थों की संख्या 400 तक बताई जाती है। अरस्तु ने अपने गुरु प्लेटो के कार्य को आगे बढ़ाया। अरस्तु ने अनेक रचनाएं की थी, जिसमें कई नष्ट हो गई। वह ६२ वर्ष तक जीवित रहे। अरस्तु की मृत्यु ३२२ . पू. में में हुई थी |

 

महान दार्शनिक अरस्तु

1. पचास दुश्मनों का मुकाबला करने के लिए आपका एक सच्चा मित्र ही काफी होता है |

2. आलोचना से बचने का एक ही तरीका है: कुछ मत करो, कुछ मत कहो और कुछ मत बनों।

3. बिना साहस के आप इस दुनिया में कुछ भी नही करेंगे, प्रतिष्ठा के बाद साहस की दिमाग की महानतम विशेषता है |

4. बिना मुसीबतों के इन्सान कुछ नही सीख सकता है |

5. मनुष्य को कायर और विवेकहीन होने की बजाय साहसी होना चाहिए |

6. बहादुर कार्यो से ही व्यक्ति सदैव बहादुर इन्सान बनता है ना कि शारीरिक सामर्थ्य से बहादुरी दिखाने से |

7. अच्छा लिखने के लिए खुद को एक आम इंसान की तरह व्यक्त करो, लेकिन सोचो एक बुद्धिमान आदमी की तरह|

8. अपने दुश्मनों पर विजय प्राप्त करने वाले की तुलना में मै उस व्यक्ति को शूरवीर मानता हु जिसने अपनी इच्छाओ पर विजय प्राप्त कर ली क्योकि सबसे कठिन विजय अपने आप पर विजय होती है |

9. शिक्षा की जड़े कडवी होती है लेकिन फल मीठा होता है |

10. सीखना कोई बच्चों का खेल नहीं है: हम बिना दर्द के नहीं सीख सकते है|

11. अशिक्षित व्यक्ति जीवित होते हुए भी शिक्षा के बिना मरे हुए समान है |

12. अच्छा व्यवहार सभी गुणों का सार है |

13. मनुष्य प्राकृतिक रूप से ज्ञान कि इच्छा रखता है।

14. चरित्र को हम अपनी बात मनवाने का सबसे प्रभावी माध्यम कह सकते हैं।

15. मनुष्य के सभी कार्य इन सातों में से किसी एक या अधिक वजहों से होते हैं: मौका, प्रकृति, मजबूरी, आदत, कारण, जुनून, इच्छा।

16. ज्ञान पाने से पहले खुद को अच्छी तरह जान लेना आवश्यक है |

17. युवा आदमी बहुत जल्दी धोखा पाता है क्योंकि कुछ पाने की उम्मीद में वो जल्दबाजी करता है |

18. प्रसन्नता स्वयं के ऊपर निर्भर होती है

19. स्वयं का ज्ञान ही हर बुद्धिमानी/ज्ञान की शुरुआत है

20. जिसने अपने भय पर विजय प्राप्त कर ली है वो स्वतन्त्र हो जायेगा।

21. जो व्यक्ति एकांत में प्रसन्न है वो या तो जंगली जानवर है या फिर भगवान।

22. नौकरी या काम-काज में आनंद, काम में उत्कृष्ठता लाती है।

23. सभी भुगतान युक्त नौकरियां दिमाग को अयोग्य बनाती हैं।

24. मनुष्य स्वभाव से एक राजनीतिक जानवर है।

25. मानव व्यवहार तीन मुख्य स्त्रोतों से निर्मित होता है इच्छा, भावना और ज्ञान |

26. किसी भी काम में यदि आपकी शुरुवात अच्छी हो तो आपका आधा काम तो ऐसे ही हो जाता है

27. अगर औरते नहीं होती तो इस दुनिया की सारी दौलत बेमानी होती।

28. एक निश्चित बिंदु के बाद, पैसे का कोई अर्थ नहीं रह जाता।

29. किसी मनुष्य का स्वभाव ही उसे विश्वसनीय बनाता है, कि उसकी सम्पत्ति।

30. मित्र क्या है? एक आत्मा जो दो शरीरो में निवास करती है |

31. दोस्तों के बिना कोई भी जीना नहीं चाहेगा, चाहे उसके पास बाकि सब कुछ हो।

32. मित्र का सम्मान करो, पीठ पीछे उसकी प्रशंसा करो, और आवश्यकता पड़ने पर उसकी सहायता करो।

33. जो सभी का मित्र होता है वो किसी का मित्र नहीं होता है।

34. खुशी हम पर निर्भर करती है।

35. प्रकृति की सभी चीजों में कुछ ना कुछ अद्रुत है।

36. कोई भी उस व्यक्ति से प्रेम नहीं करता जिससे वो डरता है।

37. बुरे व्यक्ति पश्चाताप से भरे होते हैं।

38. डर बुराई की अपेक्षा से उत्पन्न होने वाला दर्द है।

39. आशा एक ऐसा सपना है जिसे व्यक्ति जागते हुए देखता है |

40. गरीबी के कारण ही क्रांति और अपराध का जन्म होता है|

41. जब किसी गरीब को किसी प्रदेश में उच्च स्थान मिले वही प्रदेश सही मायनों में लोकत्रंत्र है|


For more videos and articles visit:

https://www.knowledgelifetime.com

Knowledge lifetime Youtube: https://www.Youtube.com/Knowledgelifetime

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ