सच्चा शूरवीर मनुष्य कौन है? Who is a true knight?

 

सच्चा शूरवीर मनुष्य एक सिपाही की भाँति निर्भीक रहता है। 

एक शूरवीर मनुष्य हिम्मतवाला होता है |  

एक शूरवीर मनुष्य के होंसले बुलंद होते है | एक शूरवीर मनुष्य जब दृढ़ निश्चय कर लेता है तो उसे पूरा ही करके मानता है | वह आदर्श और सिद्धांतों का पालन करने वाला होता है | और इसके लिए अपने शरीर के टुकड़े-टुकड़े करा देने पर भी अपने पथ से विचलित नहीं होता। वह दूसरों के प्राणों की रक्षा करने के लिए अपने प्राणों की बाजी तक लगा डालता है, उस उदार चित्त सैनिक का जीवन किसी संत से कम नहीं है। तीर-तलवारों की वर्षा जिसके विश्वास को डगमगा नहीं सकती, जो अपने प्राण से बढ़कर राष्ट्र के गौरव और सम्मान को समझता है, वही शूरवीर इस धरती पर धन्य होता है।

 


जिसने अपने शरीर को तिनके के समान माना और सोने को पत्थर की तरह देखा, विषय-सुखों को जिसने दुत्कार कर भगा दिया, वह गृहस्थ हो या विरक्त, सच्चा संत ही कहा जाएगा। हे मनुष्यों मरना सभी को है, पर जो आदर्श के लिए मरता है, मरना उसी का सफल है। इस संसार में जिंदगी जीते तो सभी हैं, पर जो सिद्धांत के लिए जीवित हैं, जीवन जीना उन्हीं का सार्थक है। यह जीवन चारों ओर पाप और कुमार्गों के शत्रुओं से घिरा है। जो कभी हताश नहीं होता, जो कभी निराश नहीं होता, जो कभी आशाहीन नहीं होता, जो कभी शत्रुओं के सामने आत्मसमर्पण नहीं करता, जो कभी शत्रुओं के सामने कभी हथियार नहीं डालता, वही सच्चा शूरवीर मनुष्य है। इस दुनिया में कष्ट उठाते हुए भी जिसने धर्म नहीं छोड़ा, उसी का जन्म सार्थक हुआ कहा जाएगा, उसी का जन्म सफल माना जाएगा। ।

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