आत्मबल पर योगी अरविन्द घोष ने क्या कहा है? What has Yogi Arvind Ghosh said on Self-Power?


 

दोस्तों क्या आप जानते है कि आत्मबल पर योगी अरविन्द घोष जी ने क्या कहा है? इस छोटी सी वीडियो में यही प्रयास करूँगा |

योगी अरविन्द जी ने कहा है- आत्मबल महापुरुष की तपस्या है, आत्मबल स्वार्थ-त्यागी का कष्ट सहन करना है, आत्मबल साहसी का आत्म-विसर्जन करना है, आत्मबल योगी का योगबल है, आत्मबल ज्ञानी का ज्ञान संचार है, और सन्तों की शुद्धि-साधुता आध्यात्मिक बल का निर्झर है।

दोस्तों मूल प्रकृति शुद्धात्मा के अधीन है वही आद्य-प्रकृति असम्भव को भी सम्भव कर दिखाती है। मूक को वाचालता तथा पंगु को पर्वत चढ़ने की शक्ति देती है। समस्त जगत इसी शक्ति से निर्मित हुआ है।

हमारे पास बाहुबल नहीं है। समग्र सामग्री नहीं है शिक्षा नहीं है, न राज शक्ति ही है। तब किसके बूते पर हम उस कार्य साधन को उद्यत हुए हैं जो प्रबल और शिक्षित यूरोपीय जाति के लिए भी असाध्य जान पड़ता है। लेकिन यह तो सब को स्वीकार करना पड़ेगा कि केवल बाहुबल से किसी महान कार्य का होना असम्भव है। अतः बाहुबल से आत्मबल ही कार्य सिद्धि में अधिक क्षमता रखता है।

मेरे भाई आत्मबल ही बाहुबल को तुच्छ प्रमाणित कर मनुष्य जाति को सिखाता चला रहा है कि यह जगत भगवान का राज्य है। अन्य स्थूल प्रकृति का खाली क्षेत्र नहीं। जिसका आत्मबल विकसित हो चुका है उसके सामने विजय की सामग्री अपने आप ही उपस्थित हो जाती है। सारी विश्व बाधाएं और विपत्तियाँ स्वयं टूटकर अनुकूल अवस्था को लाती हैं। कार्य का सामर्थ्य स्वयं प्रकट होकर तेजस्वी और वेग गतिवान होता है।

इसलिए मेरे भाई दीं मत बनो कायर मत बनो संघर्ष करने के लिए तत्पर रहों | अपने आत्मबल को विकसित करों | आत्मबल बढ़ाने के लिए हमारे चैनल पर बहुत सी वीडियो मिल जाएंगी उन्हें देखकर कुछ विकास करो अपना | भगवान आप सबको सदबुद्धि दे | यही कामना करता हूँ | आपका दिन शुभ हो |

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