दृढ़ अभिलाषा का अर्थ क्या है ~ What is the meaning of Strong Desire


Summary:
दृढ़ अभिलाषा का अर्थ किसी भी कार्य में दृढ़ रूप से लगातार डटे रहना है। दृढ़तापूर्वक लगातार प्रयत्न करते रहने से समस्त आशायें, अभिलाषायें, इच्छायें, कामनायें-सभी की पूर्ति होती है और हृदय को भी संतोष होता है। अभिलाषा इतनी तीव्र होनी चाहिए कि जैसे मरमुख मनुष्य खाने को दौड़ता है, या जैसे प्यासा मनुष्य पानी के लिए लालायित रहता है, या जैसे पानी में डूबता मनुष्य वायु के लिए व्याकुल रहता है, या माँ अपने बच्चे की कुशल के लिए आकुल होती है। जब तुम्हारी इच्छा इतनी तीव्र होगी, तभी दृढ़ अभिलाषा का तुम्हारे मन में उदय होगा।
बहुत कम लोग जानते हैं कि बलवती कामना क्या वस्तु है। वे चाहे अपने मन में समझते हों और कहते भी हों कि उन्हें बलवती कामना है, पर वास्तव में उनकी कामना में तनिक भी बल नहीं होता। अभी उन्होंने उतनी तीव्रता से कामना करना नहीं सीखा है जैसा कि भूख की भीषण ज्वाला या पानी के लिये तड़पने वाले में होती है। कामना की यह तीव्रता ऐसे वेग से मानव में जागृत होती है कि उसकी तृप्ति के बिना वह रह ही नहीं सकता। ऐसे व्यक्तियों की अभिलाषाओं की अग्नि तीव्रता से जलती है और उसकी आहुति के लिए वे कहीं से भी सामग्री प्राप्त कर लेते हैं। जो कोई इस तीव्र ज्वाला का अवरोध करता है वह इस अग्नि के लिए समिधा बन जाता है या कम से झुलस तो जाता ही है। जिस व्यक्ति की ऐसी दृढ़ अभिलाषा होती है उसकी संकल्प शक्ति भी बड़ी प्रबल होती है, जिसके सम्मुख कोई कार्य असंभव नहीं रहता। उसमें आशा और विश्वास का भाव भी हद दर्जे का होता है क्योंकि वह यह कल्पना ही नहीं कर सकता कि उसकी कामना अपूर्ण रह जायेगी। ऐसी बलवती कामना और दृढ़ विश्वास एक मूलभूत एक आदिम शक्ति है, जिसके द्वारा ही आज तक सब बड़े-बड़े कार्य सम्पन्न किये गये हैं।

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