इन साहसी पक्षियों से हम कुछ तो सीखें ~ Learn From Courageous Birds ~ Motivation

 इन साहसी पक्षियों से हम कुछ तो सीखें ~ Learn From Courageous Birds

छोटे पक्षी भी यह जानते हैं।

बहादुरी और वीरता से ही सच्चा आनन्द, सच्चा संतोष मिल सकता है|

चिड़ियों को देखो कैसे वे बदलती हुई ऋतुओं का आनन्द लेती है |

वे लम्बी-लम्बी यात्राएं करती है |

मौसम के बदलने पर काफी श्रम और भारी जोखिम उठाकर दूसरे स्थान पर जाती है |

अगर वे भी तुम्हारी तरह सोचने लगती |

बेकार झंझट में पड़ने की जगह चैन के दिन काटे जाएं |

पर वे ऐसा नहीं सोचती |


वे साहसिकता का परिचय देने में आन्तरिक प्रसन्नता एवं सन्तोष का अनुभव करती हैं।

पेट कहीं भी भरा जा सकता है और दिन कहीं भी काटे जा सकते हैं|

जिस नीरस और मरी हुई जिंदगी को तुम पसंद करते हो |

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पशु-पक्षियों से लेकर कीट-पतंगों तक कोई भी उसे पसन्द नहीं करता।

चिड़ियाँ की साहसिक यात्राएं |

तुम्हें उत्साही बनने की प्रेरणा देती है |

परिश्रमी बनने की प्रेरणा देती है |

साहसी बनने की प्रेरणा देती है |

महत्त्वाकाँक्षी होने की प्रेरणा करती हैं।

सितम्बर के प्रथम सप्ताह में भारत में ऐसे अनेक रंग-बिरंगे पक्षी दिखाई पड़ते है|

जो जर्मनी, साइबेरिया, चीन, तिब्बत आदि सुदूर देशों से हजारों मील की लम्बी यात्रा करके आते है।

उनकी यह लम्बी यात्रा महीनों की होती है।

आहार की सुविधा, ऋतु-प्रभाव से बचाव

और सैर-सपाटे का आनन्द, इस लम्बी यात्रा का उद्देश्य होता है।

आश्चर्य तब होता है जब वे अपनी यात्रा अवधि पूरी करके,

सही समय पर ही अपने स्थानों को लौट जाते है

और अपने पुराने पेड़ों और पुराने घोंसलों में ही जाकर फिर बस जाते है।

भारत में भी वे मारे-मारे नहीं फिरते वरन् यहाँ भी वे अपने नियत स्थान बनाते हैं|

और जब तक जीवित रहते हैं |

प्रायः इन दोनों क्षेत्रों में अपने नियत स्थानों पर ही निवास करते हैं।

इन पक्षियों की लम्बी यात्राएँ, ऊँची उड़ानें आश्चर्यजनक हैं।

उनके सामने कोई ऐसी बड़ी कठिनाई नहीं होती

जिसके कारण उन्हें इतना बड़ा जोखिम उठाने के लिए विवश होना पड़े।

प्रकृति नहीं चाहती कि कोई प्राणी

अपनी प्रतिभा को आलसी और विलासी बनाकर नष्ट करें।

प्रकृति इन यात्रा प्रेमी पक्षियों को यही प्रेरणा देती है कि

वे विभिन्न स्थानों के सुन्दर दृश्य देखें,

और वहाँ के ऋतु प्रभाव एवं आहार-विहार के हर्षोल्लास का अनुभव करें।

अपनी क्षमता और योग्यता को बढ़ाए।

पर तुम्हारी आराम तलबी की प्रवृत्ति इतनी घातक है कि

तुम कुछ महत्वपूर्ण काम कर ही नहीं सकते हो।

आज तुम्हारी जिंदगी में सुविधाजनक, आराम तलबी लक्ष्य बनी हुई है।

तुम शौक-मौज से भरे दिन काटना चाहते हो |

विलासिता में डूबे रहने के साधन ढूंढ़ते हो |

आज कल यही तुम्हारी प्रवृत्ति हो गयी है।

तुम गरीब धन की कमी की वजह से नहीं हो |

आलस्य और प्रमाद रहने की वजह से हो।

उत्साह और उमंगों की दरिद्रता के कारण छोटे हो |

जिसकी वजह से तुम और भी अधिक दरिद्रता के गड्ढे में गिरते जाते हो |

जब भूख तुम्हें विवश करती है तब तुम कुछ करने को खड़े होते हो |

तब भी तुम उतने ही हाथ-पैर हिलाते हो |

जितने हाथ-पैर हिलाने से तुम्हारा पेट भर सके |

और दूसरों को दोष देते हो |

और फिर वही आलस्य प्रमाद का जीवन अपना लेते हो |

फिर तुम्हें वही आवारागर्दी की सूझती हैं |

यह देखकर दया आती है|

आवारागर्दी के समय को यदि तुम परिश्रम में लगा देते |

अपने ज्ञान को बढ़ाने में लगा देते |

और जो कुछ तुम्हारे पास है उसे स्वच्छ बनाने में ही लगा लेते |

तो इतने दरिद्र और मलीन न दीखते |

तुम्हारे पिछड़ेपन में निर्धनता और अशिक्षा भी कारण हो सकती है|

पर सबसे बड़ा कारण है मानसिक छोटापन।

तुम्हारे अंदर आराम तलबी की प्रवृत्ति इतनी घातक है कि

तुम कुछ भी महत्वपूर्ण काम कर ही नहीं सकते हो।

यदि तुम प्रगति करना चाहते हो तो काम से जी चुराने के आदत छोड़ दो |

साहसिकता को अपने जीवन में अपना लो |

ऐसा लगता है कि तुम लोगों को मुँह चिढ़ाते हुए |

तुम्हारी भर्त्सना करते हुए|

यह लम्बी यात्रा करने वाले पक्षी दुनिया का विश्व भ्रमण करते रहते हैं|

 

 

 

 

 

 

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