सफलता के मोती पाएँ तो कैसे?
सफलता प्राप्त करनी है,
तो उसके लिए प्रबल संकल्प शक्ति जरूरी है |
सतत् अध्यवसाय एक अनिवार्य शर्त है।
दोनों के होने से तुम अपने ही कार्य में सफल होते चले जाओगे |
तुम्हें किसी दैवी अनुकंपा की जरूरत नहीं पड़ेगी |
किसी के आशीर्वाद की जरूरत नहीं पड़ेगी |
किसी कर्मकाण्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी |
किसी ज्योतषी के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी |
बस तुम्हारे अंदर संकल्प शक्ति होनी चाहिए |
और तुम सतत् अध्यवसाय करते रहो |
सफलता तुम्हारी कदमो में होगी |
फिर कौन है जो तुम्हें सफलता प्राप्त करने से रोक सकता है |
मैं कहता हूँ तुम महान हूँ |
तुम जो चाहो कर सकते हो |
अपने अंदर के शेर को जग जाने दो |
उसे खुलकर दहाड़ने दो |
परिश्रम करो |
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यही वो रास्ता है जो तुम्हें सफलता दिलाता है |
अपने ऊपर विश्वास रखो |
कौन हो तुम पहचानो |
अपनी सामर्थ्य को पहचानो |
अपनी शक्ति को पहचानो |
बकरियों की तरह मैं-मैं मत करो |
शेखचिल्ली की तरह सपने मत देखो |
मेहनत करो |
सफलता के मोती यूँ ही रास्तों में बिखरे हुए नहीं हैं।
जिन्हें तुम बस झुक कर उठा लो |
उन्हें पाने के लिए, समुन्द्र की गहराई में उतरने की, हिम्मत करनी होगी|
कठोर परिश्रम करने की शपथ लेनी होगी।
कठोर परिश्रम करना होगा,
दमतोड़ देने वाला परिश्रम होगा |
माथे से टपकते पसीने वाला परिश्रम होगा |
यही परिश्रम ही जीवन का सबसे श्रेष्ठ उपहार है।
इसी से तुम लौकिक जीवन की समस्त सफलताओं को प्राप्त कर सकते हो |
अच्छे अवसर की प्रतीक्षा में मत बैठे रहो |
कुछ न करके सिर्फ खली बैठे रहना |
यूँ ही अपने समय को बर्बाद करते रहना |
तुम्हारे जीवन की सबसे बड़ी मूर्खता है |
परिश्रम से ही कार्य सिद्ध होते है मन की इच्छा से नहीं |
सोते हुए शेर के मुख में हिरन अपने आप नहीं जाता है |
उद्यम के लिए हर घड़ी हर पल एक शुभ मुहूर्त है |
एक अच्छा अवसर है इसे मत गवाओ |
सस्ती और शीघ्र सफलता प्राप्त करने की ललक से वास्तव में कोई लाभ नहीं है।
चिरस्थायी प्रगति के लिए राजमार्ग पर,
अनवरत परिश्रम के साथ चलना होगा |
अपराजेय साहस को साथ लेकर चलना होगा।
“शार्टकट” ढूँढ़ना बेकार है।
वे तुम्हें भटका सकते हैं।
तुम्हें गलत रास्ते पर ले जा सकती हैं |
जिन्होंने भी कुछ सफलता पायी है,
जिसे इतिहास में लिखा गया,
उन्हें गहराई तक खोदने व उतरने के लिए कटिबद्ध होना पड़ा है।
विजय प्राप्त करने के लिए कमर कसनी पड़ी है |
आस्तीन को चढ़ाना पड़ा है |
खोदने की प्रक्रिया आरंभ करने का साहस किया है |
बस इस बात का ध्यान रखो |
अनावश्यक उतावली मत करना |
कहीं कुदाली से पैर ही न कट जाय।
तुम्हें अपनी परिस्थितियाँ को समझना होगा |
तुम्हारे पास कौन से और कितने साधन है इसका ध्यान रखना होगा |
अपनी क्षमता का समन्वय करके समझदारी से आगे कदम बढ़ाना होगा |
यही सफलता के लिए अपनायी गयी सही रीति-नीति है।
किंतु यह तथ्य गाँठ बाँध लेना |
सफलता केवल समझदारी पर ही तो निर्भर नहीं है|
उसका मूल्य माथे से टपकने वाले मोतियों की कीमत देकर चुकाना पड़ता है।
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