पढ़ाई में मन न लगने का कारण क्या है? ~ Padhai Me Man Na Lagne Ka Karan

 

पढ़ाई में मन न लगने का कारण क्या है?

ज्यादातर बच्चे यह कहते है कि मेरा मन पढ़ाई में नहीं लगता है | क्या आप जानते हो, पढ़ाई में मन न लगने का कारण क्या होता है? आज की इस वीडियो को देखने के बाद आप उन सभी कारणों को जानकार उन्हें दूर करने का प्रयास करों |

१. पढ़ाई में मन न लगने का सबसे बड़ा कारण किसी भी विषय का कठिन लगना होता है | इसके लिए आप थोड़ा अधिक परिश्रम करें। आप अपने प्रयत्नों को आवश्यकता अनुसार बढ़ायें। आप थोड़ा विश्राम लेकर फिर आगे बढ़ें। आप बीच में थोड़ा मनोविनोद कर लें।

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२. पढ़ाई में मन न लगने का दूसरा बड़ा कारण है, नींव कच्ची होना यानी प्रारंभिक शिक्षा अपूर्ण होना | प्रारम्भिक शिक्षा कमजोर होने पर पढ़ा हुआ समझ में नहीं आता है| ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि पहले की कक्षाओं की उस विषय की पुस्तकों को भली प्रकार से दोहराया जाए। दुबारा से मजबूत किया जाए, पढ़ाई का विषय कुछ भी हो, समय-समय पर दोहरा लेने से आपकी क्षमता में वृद्धि हो जाती है |

३. पढ़ाई में मन न लगने का तीसरा कारण होता है, पढ़ाई की गलत रीति का होना | जैसे किसी विषय में यदि केवल महत्तवपूर्ण अंश पढ़ने का अभ्यास हो तो ऐसे में विषय का ज्ञान अधूरा रह जाता है। अतः संपूर्ण विषय पढ़ें। नोट बनाना प्रारम्भ करें। एक छोटा सा प्रयोग अपने ऊपर करें | पढ़ाई में बिना किसी तैयारी के कूद पड़ने का प्रयोग करें, बड़ी तत्परता से पढ़ें... फिर उपेक्षा से पढ़ें... रात में देर तक पढ़ाई करें...सबेरे जल्दी पढ़ें, हर अवस्था में परिणामों को देखें तथा अपने लिए सर्वोत्तम विधि को खोज लें। और खुद चुने आप के लिए क्या सही और क्या गलत है |


४. चौथा कारण है आपकी रूचि का कम होना :- तुम अपने उत्साह की अग्नि को तेजी से जलता रखें, अपनी पढ़ाई में आनन्द लेने का अभ्यास करें। इस पढ़ाई के स्वयं के लिए महत्व की कल्पना करें।

 

५. पांचवां कारण है टेंशन का होना : आप साधारणता को स्वीकार कर लो| और सोचो कि, जो पढ़ाई हो रही है सो ठीक है...पास तो हो ही जाएंगे |

६. छठा कारण है मानसिक व शारीरिक थकानः- जिसके कारण भी पढ़ाई में शिथिलता आती है। वास्तव में शरीर के अंग प्रायः १०० वर्ष या उससे अधिक समय सक्षमता- पूर्वक बिना रूके निरंतर कार्य करते हैं। वास्तव में थकान का विचार ही थकान लाता है, इस बात पर चिन्तन एवं प्रयोग करें।

सभी लोगों के भीतर गुप्त शक्तियों के भण्डार छुपे हुए हैं। इन खजानों को पाने का रहस्य है, कि ठहराव काल में भी शक्तियों की पुनरावृत्ति अपने कार्य को रोके नहीं, जब तक की शक्ति की दूसरी पर्त ना खुल जाए। ऐसे समय में शवासन द्वारा शरीर को तथा ध्यान द्वारा मन को थोड़ी देर विश्राम देना अत्यंत उपयोगी है। लगातर कठिन परिश्रम से ही यह योग्यता प्राप्त होती है कि आप अपनी गुप्त शक्तियों का कठिन कार्य के समय इच्छानुसार आह्वान कर सकें।

 

पढ़ाई में दिमाग कैसे लगाएं?

पढ़ाई में दिमाग लगाने के लिए सबसे पहले अपने कोर्स की किताबो को फिक्स करों |  उसके बाद यह सोचों कि मुझे इन्हीं को पढ़ना है|  इधर उधर की किताबों में नहीं उलझना हैं |  हमेशा खुद से निर्णय लो|

दूसरा : आप अपने पढाई करने के लिए टाइम टेबल बना ले और हर रोज उसी टाइम आपको पढाई के लिये बैठ जाना चाहिए जो अगर आप ये टाइम बरक़रार रखते है तो आपका उस टाइम पढाई करने का मन बन जायेगा |

तीसरा : पढाई के लिये एक ऐसी जगह चुने जहाँ आपको कोई डिस्टर्ब न कर सके और आप शांति पूर्वक अपने पढाई कर सको |

इतना ही कर लिया तो आपका मन पढ़ाई में लगने लगेगा |

 

पढ़ाई शुरू करने से पहले कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

पढ़ाई शुरू करने से पहले यह मन्त्र बोलना चाहिए | "मैं बुद्धिमान हूँ, मैं सबकुछ समझ जाता हूँ , मुझे सब याद रहता है, मैं सफल होकर रहूँगा | "

उसके बाद अपनी पढ़ाई शुरू करों |

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